राम और रावण की सीख

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** दशहरा विशेष…. रावण था बलशाली, पर घमंड ने किया सत्यानाश,झूठ-अन्याय के पथ पर, टिकता नहीं कभी विश्वास। विद्वान बड़ा था दशानन, शास्त्रों का भी ज्ञानी,पर अभिमान ने फेर दिया था बुद्धि पर पानी। दस सिर थे, बल था अथाह, फिर भी वो हार गया,क्योंकि छल-अन्याय से अब तक न कोई पार … Read more

बस करो जलाना पुतले को…

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दशहरा विशेष…. अपराध बोध माना हियतल,दुष्काम काम घायल था मैंअभिशप्त अहं आज्ञापालक,गोलोक द्वार राजित था मैं। सनक सनन्दक महर्षि कोप,त्रिजन्म असुर था मैं शापितआसुरी गुणी भूले सद्गुण,बस चतुर्युगी जलता हूँ मैं। मैं महातपस्वी शौर्यवीर,त्रिलोक जेता दुर्जयी था मैंबस सत्ता पद अहंकार अनल,अत्याचार निर्दयी था मैं। पुरुषार्थ सबल साधक ईश्वर,दशानन … Read more

सबकी मानसिकता

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** सब कुछ सह जाती हैंसमाज की औरतें,बदल नहीं पाईफिर भी मानसिकता सबकी। औरत को आँकने का तरीकाकभी नहीं बदल पाई वह,ऐसी कोई इच्छारखी नहीं उसने,जिसमें दबी हो चीखेंशोषित और पीड़ित वर्ग की। जूझती हैं भले हीपूरी उम्रभर,पर उठ जाती हैंएक पुकार से। चाहे वह हो रंभाती हुईगाय-भैंस की पुकार,जिसमें छिपी है शोषण … Read more

दर्शन देना माँ

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** आराधना करें हम, दर्शन देना माँ,आदिशक्ति दुर्गा, दिव्यता दिखाना माँ। वंदन करें चरण, पाप हर लेना माँ,रिद्धि-सिद्धि का आशीष देना माँ। कुसुम, अपराजिता, गेंदा अर्पित करें माँ,सदा आपसे स्वस्थ जीवन चाहें माँ। जगदम्बिका, महागौरी हर रूप पूजें माँ,श्रद्धा-भक्ति रखते, तेरी महिमा अनुपम माँ। मन से करें अर्चना, मिटाएगी दुर्भाव माँ,धूप, दीप, … Read more

माँ सिद्धिदात्री-९

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** माँ सिद्धिदात्री कमल आसिन अद्भुत रूप,चतुर्हस्त में शंख, चक्र, गदा, पंकज अनूपपरब्रह्म शक्ति नवम निशा माँ शिवत्वपूर्णा,सृष्टिपालिका शिव की भी दात्री अन्नपूर्णा। माँ कृपाकटाक्ष शिव धारे अर्धनारीश्वर रूप,भवतारिणी, नवनिधिवारिणी शुभा स्वरूपदें माँ अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति,प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व अष्टसिद्धि ख्याति। शेरावाली, असुर-दल-नाशिनी, विश्वनियंता,नमामि पद-पद्म परमानंदमयी-आदिअनंताभयहरणी-दयाकरणी, शरणागत की आस,माँ … Read more

बेटियाँ-नौ देवियों का स्वरूप

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* बेटियाँ हैं शक्ति स्वरूपा,नवदुर्गा की छायाहर रूप में बिखरे इनसे,प्रेम, ममता और माया। ‘शैलपुत्री’-सी सादगी लेकर,पर्वत-सी अडिग सदा रहतीसंघर्षों की धूप सहकर भी,मुस्करा कर उसने सदा सही। ‘ब्रह्मचारिणी’-सी संयमधारी,ज्ञान पथ पर चलने वाली।सुंदर सपनों के दीप जलाए,दुनिया से न डरने वाली। ‘चंद्रघंटा’ बन जब गरजे,अत्याचार को चूर करेबेटी जब न्याय की जंग … Read more

आओ, आतंक जलाएँ

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** दशहरा विशेष… दशहरा पर्व पर,नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभऔर भाग्य को जगाते हैं,बुराई को दूर करदशहरा इसलिए तो हम मनाते हैं। भगवान श्रीराम ने भी,नीलकंठ पक्षी के दर्शन के बाद हीरावण पर विजय प्राप्त की थीहमें नीलकंठ पक्षी को बचाना है,आतंकवाद को इस धरती से दूर भगाना है। आओ मिलकर … Read more

दुर्गा स्तुति

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** माँ अम्बे जगदम्बे कृपा कीजिएगुण तुम्हारे मैं गाऊं, मेधा दीजिए। दुर्जय दैत्यों से तीन लोक रक्षित किए,विष्णु जी ने स्तुति की किया स्मरणवक्ष अपने चरण शिव जी धारण किए,कालकूट विष को पी के किया स्मरण।तीनों लोकों की रक्षक हो तुम अंबिके,जन्मे हर घर में अंबा, ये वर दीजिए॥ आप … Read more

मेरे पास दिव्य दृष्टि तो नहीं

कल्याण सिंह राजपूत ‘केसर’देवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* हर तरफ है तेरी हीमहफिल नजर आती है,मैं अंधा तो नहीं।तेरे निश्चल प्यार कीपूजा करता हूँ,तू रब का बंदा तो नहीं। सुनता समझता हूँतेरी सभी बातों को,मैं न समझ तो नहीं।संजोकर रखी हैतेरी प्यारी बातें तो,मेरा दिल कचरे का डब्बा तो नहीं। डरता है यह दिल तेरीजुदाई से, तो मैं … Read more

महाष्टमी:माँ महागौरी देवी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नवराता आराधना, नवदुर्गा नवरूप।आदिशक्ति दुर्गाष्टमी, दर्शन दिव्य अनूप॥ वंदन जगदम्बा चरण, वैदिक विधि उपचार।रिद्धि सिद्धि निधि नव विधा, सिद्धि दातृ उपहार॥ जवाकुसुम अपराजिता, गेंदा सुंदर फूल।बेलपात तृण दूर्व दल, रुचिकर माँ अनुकूल॥ पूजन माँ जगदम्बिका, महागौरी स्वरूप।श्रद्धा भक्ति चिन्तना, महिमा अम्ब अनूप॥ माता रानी अर्चना, करें मिटे दुर्भाव।धूप दीप … Read more