अपने दिल को

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ टूट चुका हूँ मैंतेरे जाने के बाद,समझता हूँ बहुतहर वक़्त अपने दिल को…। पर यादें हैं वह जाती नहीं,हर समय-हर पल तेरी याद आती हैतुझको खो देने के बाद,समझता हूँ बहुतहर वक़्त अपने दिल को…। दिल में दर्द हैं बहुत,वह नहीं समझता हैरोता है अकेले में… टूट-सा जाता है मन,तेरी … Read more

बेमिसाल टाटा

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* पुण्यतिथि विशेष…. भारत के असाधारण उद्योगपति,राष्ट्र निर्माण में असीमित सहयोगीविनम्र रतन टाटा रहे बड़े दूरदर्शी। पद्मविभूषित और बेमिसाल हस्ती,भारत में जन्में उन्नीस सौ सैंतीस ईसवींजैसे मिला इक कोहिनूर वरदान स्वरूपी। अत्यंत सरल स्वभावी,दयालु और तेजस्वीबोली में रहे मृदुभाषी। हुई दुखद अपूरणीय क्षति,जो न होगी कभी भी पूरीछोड़ी दुनिया नौ अक्तूबर दो … Read more

वाल्मीकि ऋषि को नमन

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** आज हम उनको करें प्रणामवाल्मीकि समक्ष नगण्य हैं हम,सीताराम की गाथा सेजिन्होंने दिया जग को उजियारा। शब्दों का दीप उन्होंने जलायाआस्था, प्रेम की बहाई धारा,वाल्मीकि का पुण्य नामजग में सदा रहेगा अमर। सृजन से किया जग आलोकितजंगल में उन्होंने किया तप,सत्य को खोजा मिला नहीं तब तकपहुंचा दिया वो हर जन तक। … Read more

शारदीय रात

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** शारदीय रातों में,दूधिया चाँदनी फैलती है। मैं शरद गीत गाती हुई,कब केसरिया चाँदनी मेंबहने लगती हूँनहीं जानती हूँ मैं। मेरा मन चाँद सेबातें करने लग जाता है,पर आजकल चाँद नेअमृत भरी नहीं,बल्कि विष भरी बातें मुझसे की है। शारदीय चाँद का सौंदर्यमाँ को भी झनझना देता है,जाता है पलकों पर उतरएक कोमल … Read more

सब कुछ, कहाँ मिलता है

कल्याण सिंह राजपूत ‘केसर’देवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* ज़िंदगी का सफ़र बस यूँ ही चलता रहे,साथी धड़कन बनकर साथ, चलता रहे। साथी सच्चा व अच्छा हो तो,जीवन भी आसान लगने लगता है। सभी कहते हैं साथ निभाने की,किंतु साथी तो वही है, जो पल-पल- हर-पल साथ होता है। ज़िंदगी के सफ़र में,कभी सुख, तो कभी दु:ख होता हैसच्चा … Read more

बढ़ता ही जा रहा हूँ

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* हर गुजरते वक्त के साथमैं बढ़ता ही जा रहा हूँ,व्यसनों के अम्बार परबेहिसाब चढ़ता ही जा रहा हूँ। आठ-दस फिट कद रहा था कभी मेराआज सौ-पचास से ऊपर जा रहा हूँ,कुदृष्टि भर डाली थी मैंने सीता मैया परअब घिनौना अपराधी बनता जा रहा हूँ। कभी था अत्यंत ज्ञानी पांडित्य पूर्णशिवजी का … Read more

ऋषि वाल्मीकि युगों का मान

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर (मध्यप्रदेश)***************************************** वाल्मीकि जयंती विशेष… जिसने रची ‘रामायण’ मर्यादा की शान,वह ऋषि वाल्मीकि, युगों-युगों का मान। वन की नीरव गहराइयों में, ज्ञान का दीप जलाया,अंधकार मिटा कर, मानवता का संदेश चलाया। डाकू से ऋषि बने, ये परिवर्तन की गाथा है,संघर्षों में ढूँढ ली, आत्मा की परिभाषा है। कलम ने जब छुआ, सत्य और … Read more

कर्म करते जाएँ

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ शरदपूर्णिमा की रात,खीर प्रसादी में अमृत की बूँदेंधीरे-धीरे गिर रही,अमृत मिले ना मिलेहम अपना कर्म करते जाएँ। सकारात्मकता का उत्सव है,शरद पूर्णिमा का यहराधा-कृष्ण रास करते,खीर खाते सब साथहम अपना कर्म करते जाएँ। सुख-दु:ख में साथ नहीं छूटे,राधा-कृष्ण का सदा बना रहे आशीर्वादशरद पूर्णिमा के चाँद की चाँदनी में,संकल्प लें … Read more

रखो निज सभ्यता

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रखो नाज निज सभ्यता, कौशिक यश पुरुषार्थ।गढ़ो नवल व्यक्तित्व को, देश धर्म रक्षार्थ॥ पा पूर्वज धन सम्पदा, करता मनुज गुमान।बना आलसी लत व्यसन, द्वेष कलह शैतान॥ हो कमान मन चपलतम, पौरुष दृढ़ संकल्प।रचो कीर्ति नव सर्जना, जीवन है अत्यल्प॥ मानव पौरुष की प्रभा, स्वयं प्रकट संसार।कुसुमित फलदायक सुरभि, कर्म … Read more

उदित हुआ कोई चाँद

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ उस दिन…तुम मुझे ऐसे लगे, जैसे-सोलह कलाओं से परिपूर्ण,उदित हुआ कोई चाँद है। आए थे…तुम जिस दिन बनकर खास,उसी रात्रि…ब्रह्माण्ड रच रहा था रास,पलकों में झूमी थी, मेरे भी मधु चाँदनी,वर्षों से तन्हा थी, आई थी मधु यामिनी,सजदे में हम ही नहीं, तुम भी झुक गए थे,शरद की चाँदनी में, … Read more