सत्यवान-सावित्री

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* अपनी जब छोड़ी नहीं आस।बनी बिरहा मधुमय मधुमास…॥ नाम सती सावित्री जिसका,गौरव गाए युग-युग‌ उसका।यमराजा को दी चुनौती,मृत्यु‌ देव से माँग मनौती।ले आई यमलोक से साथ,पति को वापस अपने पास॥बनी बिरहा‌ मधुमय… कथासार ऐसी है सुन लो,थोड़ा धर्म-शास्त्र से गुण लो।इक बांका युवक राजदुलारी,सती पति पर सर्वस्त्र हारी।सत और प्रेम का बल … Read more

रूठा मन

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** तेरे नाम का श्रृंगार कियातो फूल इतराने लगे,क्योंकि उनके अपने रंग हैंउनका अपना श्रृंगार है,मिजाज भी उनके अपनेजो भौंरे तितलियों को,बुलाते अपने पास। तितलियों के पंख सेरंगीन हुआ उपवन,प्रकृति ने ऐसा रंग बरसायातब तुम्हारा रूठा चेहरा मुस्काया। जब तेरे नाम का श्रृंगार किया,तब से जली जा रही दुनिया जलन सेतुम्हारे श्रृंगार … Read more

कुरुक्षेत्र फिर सजेगा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तनिक सुधरने का अवसर दे,क्षमाशील स्वभाव दिखेगासहनशीलता प्रकृति राष्ट्र की,वरना कुरुक्षेत्र फिर सजेगा। दमक रही पृथ्वी अग्नि सब,तेजस आकाश भी दमकेगाप्रलयंकर ब्रह्मोस मिसाइल,तहस-नहस फिर पाक करेगा। एस-चार सौ की गहन दहाड़े,हर प्रहार को नष्ट करेगामहाकाल विकराल रफालें,हर दुश्मन संहार करेगा। रण त्रिशूल भयभीत गर्जना,सर्वनाश आतंक करेगामानवता विध्वंसकारी रिपु,मिग इक्कीस … Read more

चाय वरदान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* चाहत सबको चाय की, पीने का अरमान।चाय आज तो हो गई, हर जन को वरदान॥ चाय मिले तो ताज़गी, वरना सब बेकार।चाय मनुज को दे रही, तम में भी उजियार॥ चाय हर जगह चल रही, सभी जगह है चाह।बिना चाय के काम की, नहीं निकलती राह॥ सुबह जगो तो चाय है, … Read more

यादों के पन्ने

मंजू अशोक राजाभोजभंडारा (महाराष्ट्र)******************************************* आज ज़िंदगी की किताब के पन्नों को जब दिल ने पलटाया,बहुत कुछ भूला-बिसरा याद आयाकुछ यादों के पन्नों ने मुझे गुदगुदाया,किसी ने मुझे रुलाया, किसी ने मुझे खूब हँसायाज़िंदगी कहाँ से कहाँ पहुँच गई, यह भी समझ आया,यादों ने आज अपने बचपन से दुबारा मिलवायाकितना प्यारा था वह बचपन सोच के … Read more

परोपकार की मूरत लोक माता

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ एक साधारण परिवार में जन्म, लेकर वह बनीं महारानीकभी भी उन्हें कोई भूलेगा नहीं,वह परोपकार की मूरत लोक माता। होलकर राजवंश की बहू बनकर,मालवा की महारानी बनींइन्दौर का नाम रोशन किया,शिव की भक्ति में लीनवह परोपकार की मूरत लोक माता। संकट में उन्होंने अपने राज्य को बचाया,दुश्मनों को सबक सिखायान्याय … Read more

दीवारें ही दीवारें

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* दीवारें ही दीवारें बढ़ती जा रही है आसपास,जहां भी नजर डालो उठ रही है दीवारें पास-पासयहाँ कभी खुली हवाओं की आवा-जाही थी,हवाएँ कभी आया करती थी, कभी जाया करती थीमस्तीभरे अंदाज में विहराया करती थी,कभी खुशबू के झोंके लाया करती थी तोकभी तिनके उड़ाके लाया करती थी,कभी मिटटी की गंध कभी … Read more

नए भारत के नए स्वप्न

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* सहनशीलता की एक सीमा, तय करनी होगी,नंगो को मिल रही छूट अब, नहीं सहनी होगीभीरू से मर्दानगी की, उम्मीद नहीं करते,अब निर्दोषों को अग्नि परीक्षा, नहीं देनी होगी। आँखें सूरज, चाल शेर की, अब करनी होगी,संभा जैसी हिम्मत कर, हुंकार भरनी होगीहे भारत के जांबाजों, राणा के वंशज हो तुम,आगे बढ़ … Read more

सन्नाटा

रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** समय सुन रहा है,निर्जीव सेअवसादी कदमों की आहट। राजनीतिक उलटबासियाॅं,भविष्यत् भूमि की उर्वरता कोबंजर बना रही हैं। समाज,आत्ममुग्धता के रोग से ग्रस्त है।देशउन्नति के नारे सुनकर मस्त है॥

दीदार हो जाए

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** आओ न उनका एक दीदार हो जाए,बेचैन दिल फिर एक बार मौन हो जाए। आओ तस्वीर दिखाऊँ एक महबूब की,दिल में बसी यादें वो भी पुरजोर हो जाए। मेरा गम बड़ा गमगीन है जिसने गम,दिया वही काश! मरहम भी लगा जाए। हम तो बेकशी के तसव्वुर में आए हैं,हजारों दिलो … Read more