मेरा भारत महान

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* नभ, थल,जल,शत्रु अब हर जगह तुझे ललकार है,अंतरिक्ष में भी मार करने को मिसाइल अब तैयार है।कारगिल युद्ध विजय के बाद भारत बन गया महाशक्ति-अब करना हमको…

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काजल

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)*************************************** सुंदरता की चाह में,काजल आँजे नैन।हिरनी जैसी देखती,कुछ नहिँ बोले बैन॥कुछ नहिँ बोले बैन,आँख से सब कुछ कहती।दिल में हरदम प्यार,सजाकर वो ही रहती॥कहे 'विनायक…

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बढ़ता हिंदुस्तान लिखूँ

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* हिन्द देश का गौरव गान लिखूँ,या ये अतुल्य भारत महान लिखूँ।अनुपम उदाहरण है मेरा यह देश-कितनी इसकी आन-शान लिखूँ॥ योग मुद्रा ज्ञान ध्यान लिखूँ,अनगिनत भाषा परिधान लिखूँ।विविधता…

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जिंदगी का सलीका

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जले लफ्ज़ फिर से गये जाग कैसे,दबे तह कुरेदा दिले दाग कैसे ?बुझा कर मजे से जिये जा रहे थे-धुँआ है भभकता लगे आग कैसे ?? उसे जिंदगी…

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करूँ नित्य आराधना

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)***************************************** सत्य की मैं करूँ,नित्य आराधना,प्रेम का स्तवन,ज्ञान की साधना।भाव का प्रस्फुटन दिल में होता रहे-शारदे आपसे बस यही अर्चना॥ तुम्हारे स्नेह की मंदाकिनी में आचमन करके,हुआ…

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शिक्षक ही पथ प्रदर्शक

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* गुरु पूर्णिमा विशेष.......... शिक्षक हमें पढ़ाता और शिक्षक ही संवारता है,शिक्षक ही तो उचित ज्ञान हम पर वारता है।हमें देता है वह एक सही दिशा और सम्मति-जीवन…

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तेरे मीठे बोल ही याद आएंगें

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* चार दिन की जिन्दगी फिर अंधेरा पाख है,फिर खत्म कहानी और बचेगा धुंआ राख है।अच्छे कर्मों से ही यादों में रहता है आदमी-तेरे अच्छे बोल व्यवहार से…

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इक दफा देखिए

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* इक दफा पलकें उठा के मुझको देखिए,इक दफा पलकें गिरा के मुझको देखिए।इन आँखों में मेरी कौन है तुम्हारे सिवा-इक दफा नज़रें मिला के मुझको…

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संस्कार दीजिए

एस.के.कपूर ‘श्री हंस’बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* बच्चों को मंहगे त्यौहार नहीं,उन्हें संस्कार दीजिये,उनको अपने अच्छे गुणों,का उपहार दीजिये।आधुनिक खिलौने तो ठीक है,पर साथ उनके लिए-कैसे करें बड़ों से बात वह,उचित व्यवहार दीजिये॥ बच्चों…

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स्वदेश प्रेम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ****************************************** देशप्रेम उर में पले,महके बनकर त्याग,यही चाह,गाता रहूँ,भारत माँ का राग।यही भाव है आज बस,वतन करे उत्कर्ष-जो हैं दुश्मन देश के,कुचले जाएँ नाग॥ कितना प्यारा…

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