हिय वास हिन्दी

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** कितनी मनभावन तान हिन्दी,महके जग में, पहचान हिन्दीसुरम्य सरलीकृत भाष हिन्दी,अपने मुल्क की छवि मान हिन्दी। रखते सबसे कमतर हिन्दी,पर आत्मविश्वास, तलाश हिन्दीसभ्य संस्कृत मातु विस्तार हिन्दी,रस, छंद अलंकृत गान हिन्दी। समस्त विषयों पर राज हिन्दी,बगिया महके भर-भाव हिन्दीविपरीत-विशेषण कोष हिन्दी,विधि-भाष-विज्ञान-सिद्धांत हिन्दी। सुलझा गुण-दोष प्रज्ञानभरी,लक्षणा अविधा सह व्यंग्य भरीसुभ्र, साहित्य … Read more

जीवन है रहस्यमय

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** जीवन है रहस्यमय इसकोवैसा ही रहने दो,मत उलझो और मत उलझाओजीवन धारा बहने दो। भेदन करना इस रहस्य कोजितना हम चाहेंगे,कितनी भी कोशिश कर डालेंनहीं पार पायेंगे,जीवन धारा बहने दो…। अद्भुत है लीला अनन्त कीसच मैं यह कहती हूँ,अपना-अपना सफ़र तय करेंउनकी स्तुति करती हूँ,जीवन धारा बहने दो…। सब कुछ नहीं जान … Read more

श्री राम का पुत्र हूँ, कहूँगा जय श्री राम

आचार्य संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )****************************************************** श्री राम देव का पुत्र हूँ, कहूँगा-जय श्री राम,शिव का हूँ वरदान मैं, जागृत है अभिमानमाँ सुभद्रा (माधुरी) जन्म दियो, उदित सूर्य विहान,सिंदरी (धनबाद) मातृभूमि को कोटि-कोटि प्रणाम। कई गुरुओं की शिक्षा ने दिया दिव्य ये ज्ञान,पितृ पक्ष में नमन सभी को, करता हूँ गुणगानएक-एक गुरु दीक्षा का कैसे … Read more

पितृ नमः

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* श्राद्ध, श्रद्धा और प्रेम (पितृ पक्ष विशेष)… आशीषें देने धरती पर, पितर पहुँच ही जाते।श्राद्ध पक्ष में पिंडदान से, पितर तृप्त हो जाते॥ पितर देव रूपों में होते, सदा भला ही करते,आशीषों से सदा हमारा, पल में घर वो भरते।साथ सदा ही देखो अपने, शुभ-मंगल ले आते,श्राद्ध पक्ष में पिंडदान से, … Read more

‘श्राद्ध’ श्रद्धा का पर्व

धर्मेंद्र शर्मा उपाध्यायसिरमौर (हिमाचल प्रदेश)******************************************** श्राद्ध, श्रद्धा और प्रेम (पितृ पक्ष विशेष)… हिंदुओं की श्रद्धा का पर्व,आस्था और प्रेम का गर्वसमझे पूर्वजों का जो मर्म,श्राद्ध पर्व है ऐसा कर्म। जय–जय ऐसे श्राद्ध पर्व की,जो मरने पर भी रखते यादअन्न–धन देकर खुश करते जो,धन्य है ऐसे वंशज महान। श्रद्धा यदि अटूट पक्की हो,तो पत्थर में भी … Read more

रिश्ते… निरे स्वार्थी

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** उसे लगता था-रिश्ते कृत्रिम हो गए,वास्तविक‌ता नहीं रहीएक-दूसरे से संबंध रखने की,मजबूरी-सी जैसे बन गई। फिर भी उसने सोचा,क्यों ना परख लूं ?रिश्तों की बनावट आज,क्या सभी कहते हैंवो सही है ?या में कहता हूँ वो सही है ? कुछ दिन के लिए,नाटक किया उसनेबीमार होने का,ना गया बहन से मिलनेऔर ना … Read more

जीवन बनता है अनमोल

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)… पितरों का आशीष हमेशा, देता है सुख अपरम्पार।खुशियाँ ही खुशियाँ मिल जाती, मिलता है जीवन का सार॥ उनकी ही कृपा से मिला, यह जीवन बनता है अनमोल,जीवित रहते उनसे बोलो, दो मीठे प्यारे से बोल।उनकी छाया से होता है, इस पूरे जग का … Read more

जो दर्द मिला, मन उबर न पाएगा

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* बादल गरजे पानी बरसा,पर इस बार था मंजर डर कानदियों में बस धाराएं नहीं थी,इनमें थी प्रलय की परछाई। नदियाँ बनी कहर की मूरत,बहा ले गईं अमन और चैनखेत बने हैं जल का दरिया,अब स्वप्न विहीन रीते-रीते हैं नैन। जिस आँगन में गूँजती थी हँसी,वहाँ अब बस पानी-पानी हैसहमा-सहमा सा आलम है,मानों … Read more

पाते पुरखे तृप्ति

आचार्य संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** श्राद्ध, श्रद्धा और हम (पितृ पक्ष विशेष)…. सत्य सनातन धर्म संस्कृति,वैदिक ज्ञान संग वेद पद्धतिपुराण, ग्रंथ, श्रीकृष्ण की उक्ति,वाल्मीकि, तुलसी जस भक्ति। श्राद्ध कर्म हृदय स्वभाव अभिव्यक्ति,पाते पुरखे, भाव भक्ति व वंश से तृप्तिश्रद्धा समर्पित करें, पिंडदान दे मुक्ति,देवताओं का यही कथन और उक्ति। माता-पिता जीवन-चक्र देव तुल्य मूर्ति,उनके … Read more

क्षण-क्षण

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** क्षण-क्षण समय उड़ रहा है,इतिहास एक नया गढ़ रहा हैपकड़ना चाहती हूँ कुछ पलों को,समय के साथ वह मुझे बदल रहा है। काग़ज़ पर क़ैद किए हुए,ये कुछ पल ही तुम्हारे होंगेवे तो बस तुम्हारी यादों में बस जाएँगे,क्या करना समय को ऐसे पकड़ करवो तो बादल की तरह उड़ जाएँगे। बादल … Read more