जुल्म और जुर्म
शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** जुर्म कर रहे हैं वो जुल्म सह रहे हैं जो, बंध के बंदिशों की बेड़ियों में रह रहे हैं जो। जो तूफानों का कभी मोड़…
शिवांकित तिवारी’शिवा’ जबलपुर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** जुर्म कर रहे हैं वो जुल्म सह रहे हैं जो, बंध के बंदिशों की बेड़ियों में रह रहे हैं जो। जो तूफानों का कभी मोड़…
दीपक शर्मा जौनपुर(उत्तर प्रदेश) ************************************************* शीश मुकुट हिमालय जिनकी छाती पर पावन गंगा है, महिमा उस देश की गाता हूँ,जिस देश की शान तिरंगा है। जहाँ ताजमहल और लाल किले-सी…
डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* उड़े फागुन के रंग, मन में भरी उमंग खेले बंधुओं के संग, गुलाल उड़ाइयेll पीकर ठंडाई भंग, मस्ती में बजाए चंग मिल-जुल खेलें सभी, उमंग…
बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* होली ऐसा पर्व है,लाये हर्ष अपार। चाहे राजा-रंक हो,सबमें दिखता प्यार। सबमें दिखता प्यार,गाँव परदेशी आते। नया-नया पकवान,सभी हैं मिलकर खाते। कह बिनोद कविराय,दिखे…
अंतुलता वर्मा 'अन्नू' भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ नारी तुम मात्र नारी नहीं हो... सृष्टि के आरंभ की शिला हो तुम...। जगत-जननी हो तुम, सूर्य का तेज हो तुम। समुद्र की गहराई…
डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात ) **************************************************************** माँ अंधी थी हमारी, पिताजी की उंगली पकड़कर उम्र भर चलतीं रहीं। अगर वे उन्हें रुकने को कहते तो वे रुक जाती थीं,…
कृणाल प्रियंकर अहमदाबाद(गुजरात) ****************************************************** कितनी रंगों भरी है हमारी दुनिया, हर रंग की कुछ अलग है बात। कोई भर दे खुशियों से हमारा जहां, तो कोई कराता अकेलेपन का एहसास।…
संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात) ****************************************************************** आज की नारी इतनी कमजोर नहीं,जो झुक जायेगी, करो चाहे पुरजोर जतन तुम,नहीं वो रुक पायेगी। दिल की सुंदरता कब भला,तेजाब से खत्म हो…
सौदामिनी खरे दामिनी रायसेन(मध्यप्रदेश) ****************************************************** होली के रंग सुहाने लगे, जबसे श्याम ख़्वाबों में आने लगे। रंग रंगीली होली आई, प्यारे श्याम की पाती आई। रंग अबीर की होली आई, बरसाने…
मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************** होली उत्सव प्रीत का, मचा रंग का हाट हर दिन फागुन प्रीत के, नवल पढ़ाये पाठ। नयनों ही नयनों हुए, रंगों के संकेत रह-रह महके…