मिट्टी का चूल्हा
संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* माँ और हम (मातृ दिवस विशेष).... घर में मेरेचूल्हा था मिट्टी का,जिसमें जलती थीसूखी और गीली लकड़ियाँलाल-पीली ज्वालाओं कानाच चलता रहता था,सुर्ख़ लाल अंगारों परसिकती हुई…