माँ के आँचल में…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ माँ के आँचल में बैठकर,हम सुख का अनुभव करते थेमाँ हमें लोरी सुनाती थी,प्यार से खाना खिलाती थीप्यार-दुलार-स्नेह से अपने पास रखती थी। हम उसकी…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ माँ के आँचल में बैठकर,हम सुख का अनुभव करते थेमाँ हमें लोरी सुनाती थी,प्यार से खाना खिलाती थीप्यार-दुलार-स्नेह से अपने पास रखती थी। हम उसकी…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* शौक उनका है मुहब्बत से सजे अल्फ़ाज़ पढ़ना।दिल कहे हमसे मुहब्बत से भरे जज्बात लिखना। जो कभी मिलते नहीं दिल चाहता उनसे खुदाई,वक्त मरहम जब…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ श्री शिवाय नमस्तुभ्यम... भवं भवानी अम्बिके, हे भोले सरकार।करते हैं हम वंदना, करना भव से पार॥ भोले सुमिरन आपका, नित्य करूँ मैं नाथ।मिले सदा आशीष…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* चारों ओर लू काकहर बरपाया है,इस तपिश ने आगका गोला बरसाया है। ए.सी.- कूलर से भीजब राहत न मिले,तब किसे दोष देंहम सब, कहाँ जाए ?…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सर्वश्रेष्ठ शिक्षक समझ, अनुभव जीवन गीत।भावुकता-सा नित परे, खुशियाँ गम संगीत॥ आईना जीवन फलक, अनुभव बने अतीत।यादों के सुनहर पटल, वर्तमान निर्मीत॥ मानवीय सम्वेदना,…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* अहसासों की बस्ती में, जीवन की उस कश्ती मेंबचपन याद बहुत आता है, जो जिये उस मस्ती में। हरेक शख्स की एक रेल, जो माँ…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* नहीं तन अपना, नहीं धन अपना,काहे को ललचाता है मन अपना। करते रहना सब धर्म-कर्म अपना,एक दिन जग हो जाएगा सपना। माटी में तन को तो…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* बैठी एक चिड़िया सहन कर रही तेज धूप को,पास जाकर देखा तो वह बैठी सह रही अपने अंडों को। आह निकल गई हृदय से, ममता भरी…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** रविवार का था दिवस, छुट्टी का माहौल,बैठे थे कुछ दोस्त इकट्ठा, देख रहे थे मैचबीच में सबको तलब लगी जब चाय बनाए कौन ?उठा दोस्त एक शान…
रश्मि लहरलखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************** चहक उठे थे पंछी घर के, तुलसी संग महका था ऑंगनबरहा, छठ्ठी और होली के, गीतों पर ठुमका था ऑंगन। घर छोटा, परिवार बड़ा था, खुश…