जग में सबके प्रभु जी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* मानव सजा लें,खुद में भलाईसजाते प्रभु जी,हर ज़िंदगी कोसजें कर्मों से,जीवन सभी केजीवन की खुशी,कर्म से सजती। सभी के जीवन,धरा में पलतेहों संघर्ष तो,मिटते दु:ख…

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है मुहूर्त अति शोभनम्

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* 'अक्षय तृतीया विशेष' (३० अप्रैल)... अक्षय तृतीया जान लो, दिवस सुपावन एक।है मुहूर्त अति शोभनम्, हर पल होता नेक॥ विष्णु-लक्ष्मी का प्रणय, देता मंगल भाव।यश-वैभव,धन-धान्य…

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मुकम्मल ठिकाना तो दे

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** घर ना दे तो ना दे शामियाना तो देज़िंदगी को मुकम्मल ठिकाना तो दे। मैं उफनती हुई हूँ नदी आजकल,तू हवादिस से पहले मुहाना तो…

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तपती धरती है दिवा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* तपिश धूप वैशाख की, कहर ढाहता लोक।सूख रही धरती सरित, गर्मी बनती शोक॥ वन गिरि नद कर्तन धरा, निरत प्रकृति संहार।देख ग्रीष्म शुरुआत में,…

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‘विश्व पृथ्वी दिवस’ पर कराई काव्य गोष्ठी

रोहतक (हरियाणा)। 'विश्व पृथ्वी दिवस' के अवसर पर प्रज्ञा साहित्यिक मंच (रोहतक) के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं बाबा मस्तनाथ विवि के…

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एक पल में पतझड़ आ गया…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... हनीमून का ऐसा दिवास्वप्न, दिखाया था तुमने…तुम संग यहाँ आकर, उल्लासित थी कश्मीर घूमने। स्वर्ग-सी धरा पर फैली, हरी-भरी…

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धर्म-संरक्षक देव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* परशुराम जयंती (३० अप्रैल) विशेष... विष्णुदेव के दिव्यतम, थे छठवें अवतार।परशुराम जी को नमन्, रचा धर्म का सार॥ मातु रेणुका लाल थे, जमदग्नि मुनि के ताप।संहारा…

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खून बहाकर पियोगे सिंधु का पानी ?

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** आतंक, विनाश और ज़िंदगी (पहलगाम हमला विशेष)... कायर राक्षस बुज़दिल पाकिस्तानी,सब दिन हरकत करते हो बचकानी। निहत्थे मासूमों का खून बहाकर,दरिन्दे बेशर्म पियोगे सिंधु का पानी…

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अनगिनत सपनों का अम्बर

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* उन अनगिनत मुसीबतों का,हिसाब लगाना मुमकिन नहींउन अनगिनत उलझनों से,जूझना जोखिम से कम नहीं। उन अनगिनत राहों का,एक बिंदु पर मिलना संभव नहींउन अनगिनत सितारों का,चमकना…

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बता दो भारत का दम

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )****************************** इन्होंने मानवता को बेच दिया,सौदागर बन यह दुश्मन आतंकवादीदया नहीं है इनमें, यह दिलों के हैं काले,जो कफ़न को बेच कर तोड़ रहे हमारे भारत…

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