रजनी और सितारे
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* टिम-टिम दीप जले हैं गगन में संध्या हुई विदा,अस्ताँचल के वर्ख सिंदूरी अभी- अभी हुए जुदानयनों से ओझल हो गई पहाड़ों की श्रृंखला सदा,पंछियों के झुण्ड और कतारें हो रही है जुदा-जुदा। तारों की झिलमिल रोशनी छूने लगी जमीं क़ो है,कल-कल किरणों की चासनी पीने लगी नमी को हैफ़ैल रहा तमस … Read more