परिस्थितियाँ जीवन की
बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** परिस्थितियाँ नदियों सी बहती,मौन विनय की दीक्षा देती है। अंधड़-सी जीवन में आती,सब आधार हिला देती है। कभी प्रचंड लहर बन जाती,तीव्र प्रवाह-सी आती है। नियति का वह सबक सिखा देती,कभी लहरें किनारे तक लाती है। कभी तूफानों में नाव डगमगाती,कभी दाहक प्रखर बन जाती है। समय का चलायमान स्वर बन जाती,कभी … Read more