आज के दौर में उपन्यास लिखना सबसे कठिन

विमोचन… मेरठ (उप्र)। आज के दौर में उपन्यास लिखना सबसे कठिन है, क्योंकि अब युवाजन पढ़ना नहीं चाहते। डिजिटल युग में पढ़ने और लिखने का शौक गुम-सा होता जा रहा है। लियाकत मंसूरी हर साल एक उपन्यास लिख रहे हैं, वे बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने ऐसे समय में नॉवेल लिखने का साहस किया।यह विचार … Read more

‘सूत्रधार’ ने हर्षोल्लास संग कराया भक्ति गीत महोत्सव

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हैदराबाद (तेलंगाना)। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था सूत्रधार (हैदराबाद) प्राचीन भारतीय संस्कृति और भक्ति गीतों के समृद्ध साहित्य को बढ़ावा देने के लिए अग्रणी भूमिका निभाती आ रही है। इसी क्रम में संस्था ने इस बार यह महोत्सव २२ सितम्बर से १ अक्टूबर तक (भाग-८) आयोजित किया।संस्थापिका सरिता सुराणा ने पहले दिन सभी साहित्यकारों का शब्द … Read more

साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति ने मांगी प्रविष्टि

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हैदराबाद (तेलंगाना)। साहित्य गरिमा पुरस्कार समिति (हैदराबाद) हिन्दीतर प्रांतों के महिला लेखन को प्रोत्साहित करने के क्रम में इस वर्ष भी साहित्य गरिमा पुरस्कार- सम्मान के तहत २१ हजार धनराशि और प्रशस्ति-पत्र दिया जाना है।इसमें प्रविष्टियाँ भेजने की अंतिम तारीख ३० नववम्बर है।संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अहिल्या मिश्र (९८४९७४२८०३) एवं उपाध्यक्ष प्रवीण प्रणव ने बताया कि … Read more

पुरस्कार एवं सम्मान हेतु नाम घोषित

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उदयपुर (राजस्थान)। अदबी उड़ान संस्था ने अदबी उड़ान १० वें राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान २०२५ हेतु चयनित रचनाकारों की सूची जारी कर दी है। सभी को समारोह में शाल, प्रशस्ति-पत्र एवं राशि भेंटकर सम्मानित व पुरस्कृत किया जाएगा।संस्था के अध्यक्ष ख़ुर्शीद शेख़ ‘ख़ुर्शीद’ ने बताया कि अदबी उड़ान बहु आयामी साहित्यकार सम्मान हेतु महेश कुमार … Read more

हिंदी भारतीय जनमानस के संवाद की भाषा

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हिन्दी पखवाड़ा… वाराणसी (उप्र)। हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय अस्मिता एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। सरकारी कार्यों में हिंदी का प्रयोग सरलता, पारदर्शिता एवं जनसंपर्क की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान है कि हिंदी को दैनिक जीवन में भी अपनाएँ।कर्नल विनोद कुमार ने … Read more

अधिक भाषा का ज्ञान अपनी भाषा को भूलना नहीं होता

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संगोष्ठी… दिल्ली। भाषा फैलती है और फैलना उसका स्वभाव है। एक से अधिक भाषा का ज्ञान होना अपनी भाषा को भूलना नहीं होता, बल्कि वह दूसरी संस्कृति, सभ्यता और साहित्य से जुड़ने का माध्यम है। नए शब्द जुड़ने से भाषा अवश्य समृद्ध होती है, लेकिन हिंदी या किसी भी भाषा के प्रचलित शब्दों की जगह … Read more

उत्कृष्ट रचनाओं से जमाया ग़ज़ल संध्या कार्यक्रम में रंग

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करनाल (हरियाणा)। मन की उड़ान साहित्यिक मंच (करनाल) द्वारा अपना पंद्रहवां गजल संध्या कार्यक्रम जिम खाना क्लब में आयोजित किया गया। अध्यक्षता साहित्यकार स. काबल सिंह विर्क ने की, मुख्य अतिथि कवि एवं एसएमओ सिविल अस्पताल (करनाल) डॉ. जयवर्धन रहे।आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में कवयित्री मंजूषा दुग्गल और पंचकूला से कवयित्री मीना जागलान … Read more

कीत्यानंद सिंह जैसे राजाओं ने साहित्य को जीवित रखा-प्रो. दीक्षित

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जयंती-कवि सम्मेलन… पटना (बिहार)। भारत में कला, संगीत और साहित्य को उदारमना राज-घरानों में संरक्षण और पोषण प्राप्त हुआ है। राजा बहादुर कीत्यानंद सिंह जैसे उदार महापुरुषों ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण में अतुलनीय योगदान दिए हैं। इसीलिए ये प्रणम्य और स्मरणीय हैं।रविवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में जयंती समारोह और कवि सम्मेलन का … Read more

‘एक दोपहर गीत-ग़ज़लों के नाम’ से किया हिंदी सप्ताह का समापन

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पटना (बिहार)। श्री अरविंद महिला कॉलेज में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित हिंदी सप्ताह का समापन ‘एक दोपहर गीत-ग़ज़लों के नाम’ कार्यक्रम से किया गया। अंतरराष्ट्रीय ख्याति के गीतकार पं. बुद्धिनाथ मिश्र और चर्चित गज़लकार अनिरुद्ध सिन्हा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। पं. मिश्रा ने ‘होगी जय, निश्चय ही जय होगी’ गीत और … Read more

‘प्रथम राजभाषा सम्मेलन दक्षिण संवाद-२०२५’ आयोजित किया

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चेन्नई। केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद् (भारत सरकार) ने क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (चेन्नै) में एक दिवसीय ‘प्रथम राजभाषा सम्मेलन दक्षिण संवाद-२०२५’ का आयोजन किया। अतिथि वक्ता के तौर पर लेखिका रोचिका शर्मा उपस्थित रहीं। वक्तव्य का विषय ‘हिंदी का ई-संसार एवं हिंदीसाहित्य’ रहा, जिस पर अपने वक्तव्य में कुछ संस्थाओं जैसे-अंतर्राष्ट्रीय हिंदी संगठन, … Read more