रखो निज सभ्यता

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रखो नाज निज सभ्यता, कौशिक यश पुरुषार्थ।गढ़ो नवल व्यक्तित्व को, देश धर्म रक्षार्थ॥ पा पूर्वज धन सम्पदा, करता मनुज गुमान।बना आलसी लत व्यसन, द्वेष कलह शैतान॥ हो कमान मन चपलतम, पौरुष दृढ़ संकल्प।रचो कीर्ति नव सर्जना, जीवन है अत्यल्प॥ मानव पौरुष की प्रभा, स्वयं प्रकट संसार।कुसुमित फलदायक सुरभि, कर्म … Read more

नारी रूप अनेक

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नारी रूप अनेक है, चिन्ता श्रद्धा लाज।नवदुर्गा नवशक्ति बन, नवधा भक्ति समाज॥ शब्द सरल माने गहन, नारी सत्य स्वरूप।अलंकार नवरस गुणी, नारी अर्थ अनूप॥ शब्द एक संजीवनी, मर्यादित मुख भाष।भावों की संचारिणी, प्रीति शक्ति अभिलाष॥ माया सत्य स्वरूपिणी, शब्द बोल अनमोल।त्रिविधा शक्ति व्यंजना, खुशियाँ सुख-दुख घोल॥ गजब शब्द सम्वेदना, … Read more

गांधी-शास्त्री को नमन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पुण्यमयी भारत धरा, जन्मी दो सन्तान।अविरत सेवा देशहित, गांधी शास्त्री नाम॥ एक नायक स्वाधीनता, दूसरा देश प्रधान।दोनों भारत लाड़ले, देश लाज सम्मान॥ शील त्याग गुण कर्मपथ, तजे बन्धु परिवार॥तन मन सब अर्पित वतन, ब्रिटिश राज संहार॥ सही जेल की यातना, ले आजादी ध्येय।सत्य अहिंसा क्रांति पथ, भारत माँ जय … Read more

मन के रावण का संहार करो

डॉ. गायत्री शर्मा ’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मन के रावण का करो, तुम पहले संहार।तब ही मिल पाये हमें, इस जीवन का सार॥ गली-गली रावण बना, राम करो उद्धार।मातु-बहन-बेटी यहाँ, होता रहा प्रहार॥ मायावी राक्षस बने, करते हैं प्रतिघात।सुख का सूरज है नहीं, आई दुख की रात॥ रावण जलने की सदा, चलती आई रीत।मन का रावण … Read more

बस करो जलाना पुतले को…

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* दशहरा विशेष…. अपराध बोध माना हियतल,दुष्काम काम घायल था मैंअभिशप्त अहं आज्ञापालक,गोलोक द्वार राजित था मैं। सनक सनन्दक महर्षि कोप,त्रिजन्म असुर था मैं शापितआसुरी गुणी भूले सद्गुण,बस चतुर्युगी जलता हूँ मैं। मैं महातपस्वी शौर्यवीर,त्रिलोक जेता दुर्जयी था मैंबस सत्ता पद अहंकार अनल,अत्याचार निर्दयी था मैं। पुरुषार्थ सबल साधक ईश्वर,दशानन … Read more

महाष्टमी:माँ महागौरी देवी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नवराता आराधना, नवदुर्गा नवरूप।आदिशक्ति दुर्गाष्टमी, दर्शन दिव्य अनूप॥ वंदन जगदम्बा चरण, वैदिक विधि उपचार।रिद्धि सिद्धि निधि नव विधा, सिद्धि दातृ उपहार॥ जवाकुसुम अपराजिता, गेंदा सुंदर फूल।बेलपात तृण दूर्व दल, रुचिकर माँ अनुकूल॥ पूजन माँ जगदम्बिका, महागौरी स्वरूप।श्रद्धा भक्ति चिन्तना, महिमा अम्ब अनूप॥ माता रानी अर्चना, करें मिटे दुर्भाव।धूप दीप … Read more

मनुज प्रकृति उपवन सम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मनुज प्रकृति उपवन समा, श्री वर्धन तरु ज्ञान।सुदृढ़ पादप चरित हो, मानक कीर्ति बखान॥ मजबूती देती तना, शाखाओं विस्तार।शील धीर त्यागी विनत, रीति नीति आधार॥ हरित भरित किसलय ललित, पत्ती ऊर्जावान।संस्कार परिवार से, क्षमा दया मतिमान॥ सावन बरखा आगमन, हरियाली उद्यान।खिलती कलियाँ कुसुम बन, सुरभित सम मुस्कान॥ फलदायी पुरुषार्थ … Read more

माँ चंद्रघंटा देवी अवतरण

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* मातु चन्द्रघंटा शिवा, तृतीय दिवस महान।सिंहवाहिनी चन्द्रिके, महिमा मंडन गान॥ महिषासुर आतंक से, देवलोक भयभीत।देवों ने मांगी मदद, विधि शिव विष्णु विनीत॥ पीड़ कथा सुन देव की, त्रिदेव हुए अतिक्रुद्ध।त्रिदेव तेज उर्जा प्रकट, देवी अनुपम शुद्ध॥ अर्धचन्द्र माँ भाल पर, शुभ घण्टा आकार।माँ चंद्रघण्टा अवतरण,महिषासुर संहार॥ शिव त्रिशूल हरि … Read more

ईश्वर तुम रुष्ट हो

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* बहुत हुई इस बार तो, मानसून की मार।इंसानों की बस्तियाँ, गईं आज हैं हार॥ दिया प्रकृति ने देश को, चोखा इक संदेश।छेड़-छाड़ हो प्रकृति से, तो भोगो आवेश॥ बिगड़े किंचित संतुलन, तो होगा आघात।मौन संदेशा प्रकृति का, सौंप रहा जज़्बात॥ मानसून की मार का, रहा न कोई छोर।घबराये इंसान सब, पीड़ित … Read more

अभियन्ता प्रथम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हुआ जन्म संक्रान्ति में, कन्या भाद्र दिनांक।ब्रह्मा विश्वकर्मा पिता, अन्तिम दिन शुभांक॥ वसु प्रभास के आत्मज, योगसिद्ध सन्तान।कथा महाभारत विदित, हरिवंशी आख्यान॥ दुनिया अभियन्ता प्रथम, शिल्पकार संसार।देवलोक यांत्रिक प्रभो, महिमा अपरम्पार॥ नमन देव शिल्पी प्रभो, निर्माता संसार।सकल चराचर भूतगण, जीवन सुख आधार॥ वैज्ञानिक विज्ञान के, सकल यंत्र निर्माण।रची अलौकिक … Read more