पायल आन
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नारी के श्रंगार सँग, पायल सोहे ख़ूब।लज्जा है,सम्मान है, आकर्षण की दूब॥ रहता पायल में सदा, शील और निज आन।पायल में बसते सतत्, अनजाने अरमान॥ पायल में गरिमा निहित, मर्यादा का रूप।जिससे मिलती सभ्यता, को इक नेहिल धूप॥ पायल तो वरदान है, पायल तो अभिमान।पायल नारी-शान है, पायल है सम्मान॥ पायल … Read more