जागो
बबीता प्रजापति झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** जाग गए हैंसूर्य नारायण,तुम क्यों अब तक सोते हो ?खिल उठे कमल सरोवरसमय सलोना क्यों खोते हो…? कमलों पर यूँबिखर रजत कण,रश्मियों सँगहोते जगमग,चिड़िया चहक उठी पेड़ों परक्या तुम अनोखे हो…। उठा के हल,कृषक चलेमरुभूमि भी उपजाऊ बने।धन्य हो कृषक तुम,धरा में श्रम के मोती बोते हो…॥