नोंक-झोंक
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नोंक-झोंक अविरत कलह, खींचतान परिवार।सात जन्म सतफेर भी, पति-पत्नी तकरार॥ अधिकारी वर्चस्व का, तू-तू मैं-मैं रोज।जीवन संगी परस्पर, नित्य कलह की खोज॥ नैहर चर्चा कलह की, वजह कलह शुरूआत।पत्नी दावानल बनी, खोती खुद जज़्बात॥ असहनीय निंदा तनिक, मातु-पिता परिवार।दुर्गा फिर काली बनी, रौद्र रूप अवतार॥ खाना-पीना बन्द सब, बही … Read more