ज़िंदगी यूँ ही चलती रहे…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* पुरानी रीत चलती है,नव कल्पना जारी रहेसृजन की गति बनी रहे,विकास की ओर कदम बढ़ते चले। राहें गर हो ऊँची-नीची,टेढ़ी-मेढ़ी, सीधी-उल्टीअथक परिश्रम से राही को,कठिन मंज़िल भी मिल जाएगी। यारी दोस्ती प्रेम मुहब्बत,सबके दिल में पलती रहेकभी खट्टी-कभी मीठी यादों में,ज़िंदगी यूँ ही चलती रहे। पल में गुस्सा पल में प्यार,इस … Read more