कभी-कभी…करना जरूर

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** कभी हृदय में किसी के प्रतिकोई भाव उठे तो व्यक्त ज़रूर करना,मन हो आतुर कहने को तो कह ज़रूर देनाउचित समय आने का इन्तज़ार मत करना। जब पिता से पाई हुई कोई सीख या वस्तु मन को छू जाए तो उनसे लिपट कर प्यार ज़रूर दिखाना,मन में उठी भावनाओं को उसी समय … Read more

सप्त स्वर्ग का अवतरण

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* बीज जो अचेतन थे कल तक, आज जीवित हो उठेंगे,पाकर धरा की गोद पावन चेतना से पल्लवित हो उठेंगेगगन ने जो रिसाया अमृत, अब पीकर पुलकित हो उठेंगे,नवरश्मियों से पाकर ऊर्जा अरूणिम से उदित हो उठेंगे। कल तक खेत जो सने थे धूल से, अब महकेंगे वे गुल से,जाग उठेंगे बीज … Read more

बिखरे रिश्ते

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* कहाँ गया रिश्तों से प्रेम ? बिखरे हुए रिश्तों को,समटने की कोशिश मेंकैसे समेटा जाए,सोचता हूँ हर बारहार जाता हूँ कई बार….। शायद प्रयास मेरे सही नहीं!या मेरे पास वो नहींजिससे कि मुझे मिले,वह हौसला किबाँट सकूँ प्यार औरसमेट लूँ बिखरे हुए रिश्ते,फिर से एक बार…। बने-बनाए रिश्तों को,बनाए रखना चाहता … Read more

हठ छोड़ दे मेघ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* छोड़ दे मेघ हठ अपनी, बरसो रे भूतल प्यास हरे,लखि मेघ नभ कृषक मुदित मन, सर सरिता सरसि जल हरे भरेधरती का श्रृंगार मेघ नभ, सजनी प्रीतम अनुराग बढ़े,दमक चमक बिजुरी अम्बर में, प्रिय सजना प्रति मनुहार बने। घनन-घनन घनघोर घटा नभ, बरसे बादल इज़हार करे,वृष्टिवधू सम चारु प्रीत … Read more

‘नशा’ नाश की जड़

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* नशा नाश की जड़ है भाई,मत जाना इसके पास,घर-परिवार में दुःख बांटे,करे सबको उदास। बीड़ी-गुटका-तम्बाकू है,बीमारी का वास,छोड़ दें हर नशे को वरना,होगा तेरा नाश। तेरा नहीं कोई अपना होगा,ना होगी कोई आस,दर-दर भटकेगा जीवनभर,बन जाएगा दास। जीते-जी तू मर जाएगा,बन के जिंदा लाश,जो तू करेगा नशा सोच ले,मुश्किल होगी लेनी श्वाँस। … Read more

जीवन की किताब

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* दिन के बाद,रात आती हैनिशा के बाद फिर दिन। जीवन की नैय्या,संसार की नदिया मेंगोते खाए प्रतिदिन। सुख-दु:ख के,बोझ से भरीजीवन की ये नाव। फिसल न जाए,हँसी-खुशी के पलरखना सम्भल के पाँव। वृक्ष के पत्तों की तरह,एक-एक कर झररहे हैं हर एक दिन। कभी उजाला कभी छाया,कब क्या मौसम बदलेआते-जाते कहे … Read more

यह दौर उम्र का…

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* उम्र के इस दौर में,आ गए हैं हमलोग क्या कहेंगे,परवाह कम करने लगे हैं हम।उम्र के इस दौर में,आ गए हैं हम… जिम्मेदारियों का बोझ,उतार अपने कंधों सेफुरसत के पल निकाल कर,सुस्ताने लगे हैं हम।उम्र के इस दौर में,आ गए हैं हम… दोस्ती करने के लिए,नही चाहिए हमउम्र हमेंअनुभवों की पिटारी खोल … Read more

हँसते-गाते कट जाते दिन

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* हँसते-गाते कट जाते दिन, जब होते अपनें साथ।इंद्रधनुषी रंग बिखेरें, हो हाथों में हाथ॥ अपनों का यदि साथ नहीं, ना होता जीवन आबाद,मात-पिता, भाई-बहन, बेटा-बहू, बेटी-दामाद।इस जीवन में सभी रंग से होते हैं हम सनाथ,हँसते-गाते कट जाते दिन, जब होते अपने साथ…॥ सबका सानिध्य मिले हमें तो, बने बात से … Read more

योग करें

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** नित उठें सबेरे योग करेंतन-मन से आलस दूर करें,यदि नियमित योग करेंगे हमरोगों से मुक्त रहेंगे हम। बच्चा, बूढ़ा हो या जवानसब सीख योग बनें बलवान,यदि अभी नहीं कर पाओगेफिर पीछे तुम पछताओगे। है एक संतुलन योग ज्ञानसाँसों का रखना हमें ध्यान,जब ध्यान मग्न हो जाओगेअंतर्मन दर्शन पाओगे। संपूर्ण अंग ऊर्जा विकास,शुद्ध … Read more

आना-जाना लगा रहता

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ ये दुनिया जहान का मेला,लगा हुआ है संसार मेंकोई साथी नहीं है यहाँ तेरा,क्योंकि आना-जाना लगा रहता है…। ज़िन्दगी की डोर कब टूट जाए,पता ही नहीं चलता है जीवन मेंकोई किसी का नहीं होता,क्योंकि आना-जाना लगा रहता है…। रिश्ते-नाते बंधन सब खो जाते हैं,परोपकार अच्छे बोल व संस्कार याद आते … Read more