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प्रोत्साहन के साथ मार्गदर्शन का भी कार्य करती हैं समीक्षाएं

लोकार्पण….

इंदौर(मप्र)।

समीक्षा वास्तव में दर्पण का कार्य करती है,बशर्ते उस पर निकटता की धूल न हो। समीक्षाएं प्रोत्साहन के साथ मार्गदर्शन का भी कार्य करती हैं।
यह बात वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी ने शासकीय श्री अहिल्या केन्द्रीय पुस्तकालय एवं हिन्दी परिवार इन्दौर के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन आयोजित मासिक बैठक पाठक संसद में ख्यात कवि सदाशिव कौतुक की कृति ‘दूध का दूध’ के ऑनलाइन लाकार्पण समारोह में कही।
साहित्यकार प्रतापसिंह सोढ़ी ने कहा कि इस कृति में समय के निर्मम यथार्थ से जुस्तजू करती समीक्षाएँ हैं। एक सफल साहित्यकार वही है,जो अपने समय के निर्मम यथार्थ को संवेदना के धरातल पर परखने की कसौटी स्वीकार करता है। दोहाकार प्रभु त्रिवेदी ने भी अपनी बात रखी। कृति लेखक सदाशिव कौतुक ने कहा कि,देशभर के २७ समीक्षकों से प्राप्त समीक्षाओं का संकलन यह कृति है।
इस अवसर पर श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य
समिति के प्रचार मंत्री अरविन्द ओझा,डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्ल,डॉ. शशिकला अवस्थी,डॉ.शशि निगम, सतनामी सरल,कार्तिकेय त्रिपाठी,डॉ. पुष्पा पटेल आदि ऑनलाइन उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन मुकेश इन्दौरी ने किया। आभार पुस्तकालय संघ इन्दौर के अध्यक्ष डॉ. जी.डी.अग्रवाल ने माना।