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कठिन क्षण

जसवीर सिंह ‘हलधर’
देहरादून( उत्तराखंड)
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कठिन परीक्षा का क्षण हिंदुस्तान का।
ख़तरे में जीवन आया इंसान का॥

तुच्छ नहीं यह बात बड़ी है,घर के बाहर मौत खड़ी है,
लड़ना होगा युद्ध सभी को,कोरोना से जंग छिड़ी है।
निकला आज जनाजा सकल जहान का,
कठिन परीक्षा का क्षण…॥

बात हमारी मानो भाई,बंद करो सब आवाजाई,
प्राण गवां दोगे भगदड़ में,रोयें मैया चाची ताई।
हाल बुरा है इटली,रोम,ईरान का,
कठिन परीक्षा का क्षण…॥

उनकी भी समझें मजबूरी,जिन पर काम नहीं मजदूरी,
मदद सभी को करनी होगी,तभी लड़ाई होगी पूरी।
समझो यही इशारा है भगवान का,
कठिन परीक्षा का क्षण…॥

कुछ लोगों का मन मैला है,भरा हुआ जिनका थैला है,
खास जरूरत की चीजों पर,बिना बात का भ्रम फैला है।
मान रखो कुछ रोग मुक्त अभियान का,
कठिन परीक्षा का क्षण…॥

मौत मुहाने आये सब हैं,ये सब मानव के करतब हैं,
कीट पतंगे पक्षी खाये,गायब चिड़ियों के कलरब हैं।
काम किया क्यों हमने खुद शैतान का,
कठिन परीक्षा का क्षण…॥

नेता जी हों या व्यापारी,हम सबकी यह जिम्मेदारी,
मजबूरों की अंतड़ियों तक,पहुंचे दाल-भात तरकारी।
‘हलधर’ मान बढ़ाओ देश महान का,
कठिन परीक्षा का क्षण हिंदुस्तान का…॥

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