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डेढ़ सौ से अधिक कवियों ने सिर्फ ‘कोरोना’ पर किया ४ दिन काव्यपाठ

मधुपुर(झारखंड)।

वैश्विक आपदा ‘कोरोना’ को लेकर जब पूरे देश में कर्फ़्यू लगा हुआ है और ऐसे में बाहर निकलना एवं कोई आयोजन करना मुश्किल है तो अंतर्राष्ट्रीय साहित्य-कला संगम साहित्योदय ने अनूठी पहल की शुरुआत कर दी है। इसमें डेढ़ सौ से अधिक कवियों ने सिर्फ ‘कोरोना’ पर सतत ४ दिन सुंदर काव्यपाठ किया,जिसका उद्देश्य लोगों का हौंसला बढ़ाना एवं कोरोना की जानकारी और बचाव है।
साहित्योदय के संस्थापक-अध्यक्ष कवि पंकज ‘प्रियम’ ने बताया कि साहित्योदय के व्हाट्सएप और फेसबुक मंच पर ४ दिन से लगातार ऑनलाइन कवि सम्मेलन चला, जिसमें भारत और नेपाल सहित कई अन्य देशों के सैकड़ों रचनाकारों ने कोरोना से बचाव के लिए कविताओं का सृजन कर काव्यपाठ किया। २४ मार्च से लगातार इस सम्मेलन में हर दिन ३०-४० रचनाकारों ने काव्यपाठ किया,जिसमें कोरोना की रोकथाम ,बचाव के उपाय,कोरोना योद्धाओं के लिए धन्यवाद और कोरोना पीड़ितों के लिए
हौंसला बढ़ानेवाली एक से बढ़कर एक रचनाएँ आई।
अध्यक्ष पंकज ‘प्रियम’ ने बताया कि,इस संकट की घड़ी में राष्ट्र के साथ मुस्तैदी के साथ साहित्योदय परिवार भी खड़ा है। चार दिन हर शाम ७ बजे से कवि सम्मेलन शुरू हुआ है जो देर रात तक चलता रहा। हर दिन २ नए संचालकों को अवसर दिए जाने के बाद पंकज ‘प्रियम’ ने रोज धन्यवाद ज्ञापन के जरिये कोरोना से जुड़ी नई कविता और सन्देश दिया।
आपने बताया कि,सम्मेलन को सफल बनाने में सचिव अनिता सिध्दि,प्रबन्ध निदेशक संजय करुणेश,मार्गदर्शक जयप्रकाश ओझा, सञ्चालक गीता चौबे,अनामिका गुप्ता आदि जुटे रहे। इस सम्मेलन में शामिल रचनाकार में डॉ. सुधा सिन्हा,नन्दनी प्रनय,जयदेव मिश्र, दीपक सपकाल,अनिता मंदिलवार ‘सपना’, अर्चना पाठक ‘निरन्तर’,रश्मि लता मिश्रा और अंशुमान सहित सहित अन्य भी शामिल रहे।

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