बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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मन में सपने हैं सजे,
खुशियों के दिन आय।
सुन्दर सुखद सुहावनी,
शीतल शीत सुहाय॥
शीतल शीत सुहाय,
खुशी मन में है छाई।
हिय में उठे तरंग,
आज मौसम सुखदाई॥
कहे ‘विनायक राज’,
मनाओ पिकनिक वन में।
नया वर्ष है आज,
सजाओ सपने मन में॥