कुल पृष्ठ दर्शन : 210

You are currently viewing नभ पे छाए हो प्रियतम

नभ पे छाए हो प्रियतम

गुंजा पुंढ़ीर
बरेली(उत्तरप्रदेश)
********************************

काव्य संग्रह हम और तुम से….

तुम्हीं बनके घन,नभ पे छाए हो प्रियतम।
विरह-वेदना ने,बुलाए हो प्रियतम॥

हृदय-सिंधु की गहरी लहरों में तुम हो।
तुम्हीं बन के मोती,समाए हो प्रियतम॥

तुम्हीं स्वांस में हो,धड़कते हृदय में।
सुखद प्रेम अनुभूति,लाए हो प्रियतम॥

न है स्वांग कोई,न कोई छलावा।
व्यथित जानकर,पास आए हो प्रियतम॥

वियोगी थीं सांझें,बहुत सूनापन था।
तुम्हीं मन के मंदिर,सजाए हो प्रियतम॥

तुम्हारे बिना है ये संसार भी क्या।
तुम्हीं हमने अपने,बनाए हो प्रियतम॥