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राग-द्वेष हम छोड़ दें

अनिल कसेर ‘उजाला’ 
राजनांदगांव(छत्तीसगढ़)
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विश्व शांति दिवस स्पर्धा विशेष……

विश्व शांति की कामना,धर ले दिल में आज।
राग-द्वेष हम छोड़ दें,बने प्रेम से काजll

पंच तत्व ही सार है,बाकी सब बेकार।
सत्य काम आते यहाँ,जीवन देते तारll

भिन्न-भिन्न संस्कार हैं,धरा बने पहचान।
प्रेम भावना जो रखे,जग में बने महानll

बेशक भाषा भिन्न हैं,मन के भाव समान।
समझे दिल की बात जो,वो सच्चा इंसानll

मिले सभी जब साथ में,बन जाती हर बात।
विश्व शांति के दीप से,जलती काली रातll

देश-देश होते अलग,मानव एक समान।
रंग-रूप चाहे अलग,मिले अनिल से जानll

परिचय –अनिल कसेर का निवास छतीसगढ़ के जिला-राजनांदगांव में है। आपका साहित्यिक उपनाम-उजाला है। १० सितम्बर १९७३ को डोंगरगांव (राजनांदगांव)में जन्मे श्री कसेर को हिन्दी,अंग्रेजी और उर्दू भाषा आती है। शिक्षा एम.ए.(हिन्दी)तथा पीजीडीसीए है। कार्यक्षेत्र-स्वयं का व्यवसाय है। इनकी लेखन विधा-कविता,लघुकथा,गीत और ग़ज़ल है। कुछ रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-सच्चाई को उजागर करके कठिनाइयों से लड़ना और हिम्मत देने की कोशिश है। प्रेरणापुंज-देशप्रेम व परिवार है। सबके लिए संदेश-जो भी लिखें,सच्चाई लिखें। श्री कसेर की विशेषज्ञता-बोलचाल की भाषा व सरल हिन्दी में लिखना है।

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