कुल पृष्ठ दर्शन : 291

सिद्धिविनायक गणपति

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

******************************************************************

श्री गणेश चतुर्थी स्पर्धा विशेष…..

सिद्धिविनायक विश्वमुख,हे भूपति विघ्नेश।
विघ्नविनाशक गजवदन,सबके काटो क्लेश॥

प्रथमपूज्य महागणपति,लंबोदर गणराज।
एकदंत हे गौरिसुत,सकल सँवारो काज॥

बुद्धिविधाता विघ्नहर,क्षेमंकरी विशाल।
कोटिसूर्य सम तेज है,देवादेव कृपाल॥

वक्रतुण्ड हे भुवनपति,चतुर्भुजा अवनीश।
मूषकवाहन हे सुमुख,देवे सिद्धि कवीश॥

मंगलमूर्ति महाबली,सर्वात्मन गजराज।
सिद्धिदाता हे गणपति,सभी सुधारो काज॥

प्रथमपूज्य महागणपति,महाबली गणराज।
शिवनंदन हे गौरिसुत,सकल सँवारो काज॥

दाता रिद्धी-सिद्धि के,ईशानसुत गणेश।
हे गणनायक गजवदन,कर दो कृपाअशेष॥

शुभगुणकानन हे तरुण,करो दुष्ट संहार।
मृत्युंजय एकाक्षरी,पूजे सब संसार॥

मंगलकर्ता भुवनपति,विद्याधर हेरम्ब।
वरदविनायक दुःखहर,हेमसुता है अम्ब॥

वरगणपति शशिवर्ण हैं,दयावंत हे नाथ।
स्कन्दपूर्वज शंकरसुत,रहो हमारे साथ॥

मस्तक साजे चंद्र है,लंबोदर गणराज।
पीताम्बर ओंकार हैं,सकल सुधारो काज॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा)डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बांदीकुई (राजस्थान) में जन्मे डॉ.सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी., साहित्याचार्य,शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ व्याख्यात्मक पुस्तक प्रकाशित हैं। कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। आपका साहित्यिक उपनाम ‘नवनीत’ है। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो 
हम सब हिंदी भाषी हैं॥

Comments are closed.