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कहानी कोरोना की

शशांक मिश्र ‘भारती’
शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश)

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वुहान शहर में जन्म लिया,

परदेश में भारत में आया है

दुनिया भर में त्राहि-त्राहि,

रोग संक्रामक फैलाया है।

कोरोना विषाणु सभी कहें,

इंसान जानवर डराया है

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने,

‘कोविड-१९’ नाम बताया है।

कई लाक और अनलाक हुए,

पर संक्रमण कहर है सताए

सावधानी ही बचाव मित्रों,

सरकारें बार-बार समझाएं।

नियमित साबुन से हाथ धुलें,

जरूरत पर ही बाहर जाएं

दूरी कम-से-कम तीन फीट,

अच्छे से मास्क अवश्य लगाएं।

भीड़-भाड़ वाली जगहों न,

स्वंय बचें दूसरों को बचाएं

छींकते-खाँसते समय मित्रों,

मुँह ढकें या रूमाल लगाएं।

बुखार,खाँसी,उल्टी,दस्त और,

दर्द छाती में किसी को सताए

बिगड़े निमोनिया न लापरवाही,

तुरन्त डॉक्टर को फोन लगाएं।

खाँसते-छींकते समय पर मित्रों,

आँखों-नाक-मुख न छुएं-छुआएं

धारावी माडल दुनिया को भाया,

आप समझें,अपनों को समझाएं।

जब तक न आता टीका बाजार,

सतर्क रहें जागरूकता फैलाएं

सरकार दे रही जो भी निर्देश,

मानें और दूसरों से मनवाएं।

कोरोना महामारी जानलेवा है,

समझ लें,पड़ोसियों को समझाएं।

बचाव ही एकमात्र रास्ता अभी,

जरुरी हो हेल्पलाइन फोन लगाएं॥

परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैL २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंL वर्तमान तथा स्थाई पता शाहजहांपुर ही हैL उत्तरप्रदेश निवासी श्री मिश्र का कार्यक्षेत्र-प्रवक्ता(विद्यालय टनकपुर-उत्तराखण्ड)का हैL सामाजिक गतिविधि के लिए हिन्दी भाषा के प्रोत्साहन हेतु आप हर साल छात्र-छात्राओं का सम्मान करते हैं तो अनेक पुस्तकालयों को निःशुल्क पुस्तक वतर्न करने के साथ ही अनेक प्रतियोगिताएं भी कराते हैंL इनकी लेखन विधा-निबन्ध,लेख कविता, ग़ज़ल, बालगीत और क्षणिकायेंआदि है। भाषा ज्ञान-हिन्दी,संस्कृत एवं अंगेजी का रखते हैंL प्रकाशन में अनेक रचनाएं आपके खाते में हैं तो बाल साहित्यांक सहित कविता संकलन,पत्रिका आदि क सम्पादन भी किया है। जून १९९१ से अब तक अनवरत दैनिक-साप्ताहिक-मासिक पत्र-पत्रिकाओं में रचना छप रही हैं। अनुवाद व प्रकाशन में उड़िया व कन्नड़ में उड़िया में २ पुस्तक है। देश-विदेश की करीब ७५ संस्था-संगठनों से आप सम्मानित किए जा चुके हैं। आपके लेखन का उद्देश्य- समाज व देश की दशा पर चिन्तन कर उसको सही दिशा देना है। प्रेरणा पुंज- नन्हें-मुन्ने बच्चे व समाज और देश की क्षुभित प्रक्रियाएं हैं। इनकी रुचि- पर्यावरण व बालकों में सृजन प्रतिभा का विकास करने में है।

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