अब तुम्हें नहीं दूंगी जन्म!
oooooooo सुनो पुरूषों, अब मैं तुम्हें नहीं दूंगी जन्म जो तुम भोग सको मुझे। बलात्कार, फिर हत्या बर्बरता के विरुद्ध, मैं लडूंगी खुद से ही। जब प्रेम का बीज फूटेगा, मेरे भीतर एक पत्थर रख लूंगी। जब जगेगी, माँ बनने की इच्छा अपनी कोख गिरा दूंगी। मैं नहीं बनूँगी माँ, मैं अब तुम्हें नहीं दूंगी … Read more