सपने का मूल्य
अनिता मंदिलवार ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** देखो हवा बदलती कैसे, लहर भँवर में फँसती जैसेl मेरे आँसू अध्यॆ बनकर, मन शिकंजा कसती जैसेl मधुमास चहकता उतरा, उसकी आँखें हँसती जैसेl भाव बन जाते अक्षत रोली, वह हृदय में बसती जैसेl मधुवन में बासंती होली, फागुन की हो मस्ती जैसेl सपना पूछे सपने का मूल्य, जिन्दगी यहाँ … Read more