बस…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** खुद आबाद पथ पर चला बढ़ सच प्रेम ले मैं अनवरत, यायावरित चलता हुआ बन अडिग पथ पल सत्यव्रत सिद्धान्त रथ चढ़ सारथी ख़ुद शस्त्र भी बन के निरत, पतित अब स्वध्येय पथ नीलाभ से बर्बाद हूँ मैं हो गया। चाह ले सच राह पर उड़ान भरने को … Read more