जल ही जीवन है

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** जल है भारी संकटग्रस्त, व्यर्थ पदार्थ वाहित मल औद्योगिक अपशिष्ट कीटनाशी पदार्थ, उवर्शकों के रासायनिक तत्व पट्रोलियम पदार्थ जिनसे जल जीवन की रक्षा होती है वे ही आज मृत्यु के कारण बन बैठे, देता टाइफायड,पीलिया,हैजा पेचिश,पेट के कीड़े,मलेरिया सब बीमारियों को न्यौता, गोमती का विषाक्त जल हो या … Read more

शब्द-ब्रह्म

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* शब्द जो मचाते हैं धूम, कभी शांत,कभी उन्मुक्त पनपते मस्तिष्क हृदय में, लुभाते जोड़ते बाँधते तोड़ते,फिर जोड़तेl निर्माण करते, बड़े अनोखे येे शब्द गूंजते सदियों से, धरती से क्षितिज तकl प्रेम में,स्नेह में,युद्ध में, गीता उपदेश में हर पल अनोखेl ये ब्रह्म शब्द नहीं बंधते, किसी परिभाषा में…ll … Read more

माता तुम अनुपम

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… प्रकृति का अनुपम उपहार, मातृत्व से भरी कोमल नारl जननी ममतामयी अमृत रसी, कोमलांगी माता शक्ति सारl नित्य कष्ट सह जाये माते, संतान की पीड़ा करती हरणl ममता रोम-रोम में बसती, क्या व्याख्या कैसे हो उदगारl समर्पण माँ का अदभुत भाव, जिसका ना हो … Read more

माँ न होती तब मैं क्या होती!

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ जितनी बिस्तर पर लेटी है उससे कहीं ज्यादा मेरे भीतर, डर को भाँप रहा है मन अनचाहे दु:ख से काँप रहा है, सोचती हूँ माँ न होती तब मैं क्या होती सशक्त स्वयं नहीं थी पर, मुझे सशक्तिकरण का पूरा पाठ पढ़ाया माँ … Read more

अधीन

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** अधीन बहुत गहरे, मानदंड पितृसत्तात्मक मान-प्रतिष्ठा के नीचे दबी कुचली किरकिरी-सी, नहीं रत्तीभर जगह समा जाए वह पीठ वजन भर, खड्डे में उड़ेल भर लौटी प्राण-प्रतिष्ठा जगत में उपहास वह रोई, खुद ही देखी पराधीनता के भंवर में उठती धीरे-धीरे चिंगारी, किस दिशा अधीर अजीब छटपटाहट, पीड़ा से … Read more

बेटियाँ

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** एक मजदूर की बेटी, जब स्कूल जाने की इच्छा जताती है उस रात पिता को नींद नहीं आती है, पहुंचाते हुए बेटी को स्कूल दिखाई पड़तीं हैं उबड़-खाबड़ रास्तों से, रफ्तार से गुज़रती बैने,मोटरसाइकिलें कि हिल जाता है पिता अपनी जगह से, और एक अमीर की बेटी बगैर … Read more

हमारी धरणी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… करोड़ों वर्षों पूर्व ब्रह्मांड उत्पन्न, गौरवशाली पल हमारी धरणी। सृष्टि का सुंदरतम् निर्माण, अदभुत हमारी है ये धरणी। विभिन्न लुभावने रूपों वाली, जीवनदीयिनी सदा है धऱणी। गर्भ में रखे अनमोल रत्न, जीविका देती है सदा धरणी। पालती जीव-जंतु,मानव को, पालनहार है हमारी धरणी। … Read more

पृथ्वी के मुख पर कालिख़

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… जब मैं जन्मी, पूरी की पूरी पृथ्वी मेरे इर्द-गिर्द थी, पहाडों से फूटते झरने सरसराते पेड़ों से लिपटी लताएँ, खिलखिलाते अनगिनत फूल घनघोर बरसती हुई बारिश और हवा ने, मेरी नन्हीं-नन्हीं हथेलियों को चूम लियाl बचपन की हर सुबह, मैदानों में होती थी … Read more

यंत्रणा

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** उसका दमन,तिरस्कार उसकी यंत्रणा उतनी ही प्राचीन है, जितना कि पारिवारिक जीवन का इतिहास असंगत और मन्द प्रक्रिया में, उसने हिंसा को हिंसा की दृष्टि से देखा ही नहीं कभी, वह स्वयं भी हिंसा से इंकार करती है धार्मिक मूल्य और सामाजिक दृष्टि का बोझ, उसके कंधे पर … Read more

प्रतिपदा नव वर्ष

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हे मातु भवानी हे जगकल्याणी, महर तुम्हारी माँ आँचल भर दे। हे जन्मदात्री हे सुखदायिनी, तू मेरी माते अब मंगल कर दे। विद्या विवेक शक्ति है तुमसे, हृदय मेरे तेरी भक्ति भर दे। मातु वरदायिनी हो कृपासिंधु, मन व्याकुल माँ संकल्प भर दे। तुम्हीं सर्वव्यापी जीवनदायिनी, नयनों मे … Read more