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माँ न होती तब मैं क्या होती!

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार
अहमदाबाद (गुजरात ) 
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मातृ दिवस स्पर्धा विशेष…………

माँ जितनी बिस्तर पर लेटी है
उससे कहीं ज्यादा मेरे भीतर,
डर को भाँप रहा है मन
अनचाहे दु:ख से काँप रहा है,
सोचती हूँ माँ न होती तब मैं क्या होती
सशक्त स्वयं नहीं थी पर,
मुझे सशक्तिकरण का पूरा पाठ पढ़ाया
माँ ही खड़ी रहती हैं बेटी के साथ,
अंधेरे में दिया बनकर
बताया मुझे औरत ही औरत के लिए
न जाने कबसे खड़ी है,
देर रात समेट रही है मेरी टेबिल पर
बिखरी किताबें,
अंधेरे को गठरी में बाँध कर
सूरज के सामने रख रही है,
वह नहीं जानती
सूरज ढल चुका है,
फिर से रात है काली पहाड़ जैसी
सूरज का इन्तजार अकेले
कर पाना मेरे बस में नहीं,
एक उम्मीद लिए
मैं झाँकती हूँ माँ की आँखों में,
वात्सल्यमयी
धारा बह जाती है नदी बन कर,
कि मौन रह जाती है जुबां…
मेरे भीतर पृथ्वी परिभ्रमण को निकल चुकी है
देखो!
वह अपनी जगह कब लौटती है..ll

परिचयडाॅ.आशासिंह सिकरवार का निवास गुजरात राज्य के अहमदाबाद में है। जन्म १ मई १९७६ को अहमदाबाद में हुआ है। जालौन (उत्तर-प्रदेश)की मूल निवासी डॉ. सिकरवार की शिक्षा- एम.ए.,एम. फिल.(हिन्दी साहित्य)एवं पी.एच.-डी. 
है। आलोचनात्मक पुस्तकें-समकालीन कविता के परिप्रेक्ष्य में चंद्रकांत देवताले की कविताएँ,उदयप्रकाश की कविता और बारिश में भीगते बच्चे एवं आग कुछ नहीं बोलती (सभी २०१७) प्रकाशित हैं। आपको हिन्दी, गुजराती एवं अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। आपकी कलम से गुजरात के वरिष्ठ साहित्यकार रघुवीर चौधरी के उपन्यास ‘विजय बाहुबली’ का हिन्दी अनुवाद शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है। प्रेरणापुंज-बाबा रामदरश मिश्र, गुरूदेव रघुवीर चौधरी,गुरूदेव श्रीराम त्रिपाठी,गुरूमाता रंजना अरगड़े तथा गुरूदेव भगवानदास जैन हैं। आशा जी की लेखनी का उद्देश्य-समकालीन काव्य जगत में अपना योगदान एवं साहित्य को समृद्ध करने हेतु बहुमुखी लेखनी द्वारा समाज को सुन्दर एवं सुखमय बनाकर कमजोर वर्ग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मूल संवेदना को अभिव्यक्त करना है। लेखन विधा-कविता,कहानी,ग़ज़ल,समीक्षा लेख, शोध-पत्र है। आपकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और आकाशवाणी से भी प्रसारित हैं। काव्य संकलन में आपके नाम-झरना निर्झर देवसुधा,गंगोत्री,मन की आवाज, गंगाजल,कवलनयन,कुंदनकलश,
अनुसंधान,शुभप्रभात,कलमधारा,प्रथम कावेरी इत्यादि हैं। सम्मान एवं पुरस्कार में आपको-भारतीय राष्ट्र रत्न गौरव पुरस्कार(पुणे),किशोरकावरा पुरस्कार (अहमदाबाद),अम्बाशंकर नागर पुरस्कार(अहमदाबाद),महादेवी वर्मा सम्मान(उत्तराखंड)और देवसुधा रत्न अलंकरण (उत्तराखंड)सहित देशभर से अनेक सम्मान मिले हैं। पसंदीदा लेख़क-अनामिका जी, कात्यायनी जी,कृष्णा सोबती,चित्रा मुदगल,मृदुला गर्ग,उदय प्रकाश, चंद्रकांत देवताले और रामदरश मिश्र आदि हैं। आपकी सम्प्रति-स्वतंत्र लेखन है।

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