स्वर्ग की तलाश खत्म हो गई

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** ‘प्रेम’ को बचाने की जद्दोजहद में, मिटता जा रहा है प्रेम मिट रहा है अपनत्व,स्नेह माता-पिता और बच्चों के बीच, दादा-दादी और नाती-पोतों के बीच पति-पत्नी और बच्चों के बीच, भाई-बहन और परिवार के बीच शहर में मकान बढ़ते जा रहे हैं, घर हो रहे हैं लापताl चलो! … Read more

नयी उम्मींदे-नया आसमां

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* महफ़िलों का दौर चलता रहे, नयी उम्मीद संग नया आसमांl ऋतुएँ सिखाती बनना नया, नये पुष्प सुगंध देते जो मिले पशु-पक्षी नव कलरव हैं करें, दिन-रात सिखाये चलना सदा फिर क्यों हार कर रुकना बताl जिंदगी से इश्क मचलते रहे…ll महफ़िलों का दौर चलता रहे नयी उम्मीदें संग … Read more

पेड़ पुकारते हैं

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात )  **************************************************************** पेड़ पुकारते हैं, जब रात में सो रहे होते हैं पेड़ धूप और चिड़िया के स्वप्न में डूबे होते हैं, वे आरियाँ चलाते हैं अंधेरे में चुपचाप। धड़ाम- धड़ाम…. वे गिरते जाते हैं पृथ्वी पर, सोए हुए पर प्रहार कायरता है, धूप और चिड़िया स्वप्न में ही क्षत-विक्षत, … Read more

होली में उड़े गुलाल

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* उड़े गुलाल रंग हुआ लाल, होली का सुखद त्योहार पीली सरसों नारंगी पलाश, भूले मलाल भूले मलाल आज है ख़ुशी विशाल, उड़े गुलाल रंग हुआ लालl मदमस्त हुआ है आलम, सजनी बहके संग बालम चितचोर हुए हैं सांवरे, पहनावे गलबहियन हार उड़े गुलाल रंग हुआ लालl चितवन में … Read more

सनातन काल से स्त्री

डाॅ.आशा सिंह सिकरवार अहमदाबाद (गुजरात ) **************************************************************** माँ अंधी थी हमारी, पिताजी की उंगली पकड़कर उम्र भर चलतीं रहीं। अगर वे उन्हें रुकने को कहते तो वे रुक जाती थीं, फिर चल देतीं उन्हीं के पीछे-पीछे। कभी नहीं गयीं कहीं अकेली वे, कभी नहीं सोंचती थीं अपने बारे में, कभी नहीं किया कुछ अपने मन … Read more

सी.सी.टी.वी. कैमरा

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** “अरे पापा,आप तो तैयार हो रहे हैं शादी में जाने के  लिए। पहले तोआप मना कर रहे थे।” “नहीं जाऊँगा तो वह इन्जीनियर पहले तो  पूछेगा, फिर बात-बात में खुन्नस निकालेगा।” “पर पापा,उन्हें मालूम कैसे पड़ेगा कि आप आये अथवा नहीं ?” “अरे बेटा,वह स्टेज के सामने सी.सी.टी.वी. कैमरे  … Read more

नारी तुम चलती रहो

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… तुम कब हारी हो जग में स्त्री अबला हो तुम क्यों कहलाती, बार-बार जनम हो लेती हो जीवन को गले लगातीl अनेक रूपों में बसती तुम माता बन हो मुस्काती, रिश्तों की गरिमा समझ तुम त्याग देवी बन जातीl कैसे करती हो बोलो … Read more

कैसे मनायेंगे अब होली ?

आशा जाकड़ ‘ मंजरी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *********************************************************** कैसे मनायेंगे अब होली ? आतंकी खेल रहे खूनी होली। बहिनों के नेह की सूनी हुई डगर, कपोलों पर बहता सूख गया समन्दर। बिन भैया कैसे लगायेंगी माथे पे रोली ? कैसे मनायेंगे अब होली ? ललनाओं के माथे का सिन्दूर मिट गया, सारा संसार उनका अब वीरान हो … Read more