स्नेहिल वटवृक्ष पिता
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* ‘पिता का प्रेम, पसीना और हम’ स्पर्धा विशेष….. पिता के प्रेम की कहाँ शुरू करूँ मैं बात,पिता हृदय रहे अनुपम स्नेह दिन औ रातहर दिन करते श्रम वो बहाते रहे पसीना,हर स्वाँस लक्ष्य उनका परिवार सुख-सौगात। स्नेह-प्रेम से समझाते रहे पथ बनाओ जीवंत,सत राह रहे ध्येय हमारी शिक्षा सदा अनंतपुस्तकालयों … Read more