तुम हो जीवन तारिणी

आशीष प्रेम ‘शंकर’ मधुबनी(बिहार) ************************************************************************** विद्या की है गामिनी, सात सुर की स्वामिनी श्वेत हंस वाहन है मैया, तुम हो जीवन तारिणी। रागों की है रागिनी, स्वर की हो अर्धांगिनी करती पुरण हर कामना, बसंत पंचमी की चाँदनी। वीणा की है धारिणी, जग की है उद्धारिणी ज्ञान पुंज रस गामिनी, प्रेम सुधा रस दायिनी। हे … Read more