मेरा भाई

अश्मित कौरकटक(ओडिशा)*************************** खट्टी-मीठी होती तकरार,करता ढेर सारा प्यारमेरा भाई,मेरा भाई,खुशियों का पहरेदार।पल में रुलाए,पल में हँसाए,गुस्से से आँख दिखाए,बाबा-माँ की फटकार से बचाएहर पल साथ निभाए।रक्षाबंधन की डोर से बंध,कच्चे धागों से पक्के रिश्तों का मान बढ़ाएऐसा प्यारा रिश्ता उससेलाड़ला मेरा भाई,मेरा भाई…॥