हसीन पर जाँ निसार करना

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** हसीन पर जाँ निसार करना, सुघड़ बदन में विहार करना। बनो बहादुर जिगर बड़ा रख, गरीब का मत शिकार करना। उधार लेकर दुकान कर लो, पचास से फिर हजार करना। नहीं रहेगा सदा ये जीवन, क्षणिक है यौवन विचार करना। भले सहो तुम सितम जमाना, न दोस्त दिल में … Read more

मन भर सोना दान

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** मंदिर में करते बहुत,मन भर सोना दान। भूखा खातिर है नहीं, एक अदद पकवान।। भगवन तो खाते नहीं,उन्हें चढ़े पकवान। जिनको को रोटी चाहिए,उन्हें मिला अपमानll भगवन आदी हो गए,नित सुनने को शोर। मंदिर-मस्जिद है जहां,बजता भोंपू जोरll जो जग को नित चालते,देते हर सुख भोग। उनको मंदिर में … Read more