मानव कहलाएं

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ********************************** माना जीवन कठिन और राहें पथरीली,पाँव जकड़ लेती है अक्सर मिट्टी गीली। मुश्किल होते हैं रोटी के सरस निवाले,फटे-पुराने गज दो गज के शाल-दुशाले। खुले…

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राम रसायन

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय **************************************** राम हैं जिंदगी राम का नाम लो,राम हैं बंदगी राम का नाम लो। राम से ही धरा अग्नि आकाश है,राम से ही हवा नीर का…

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जन विमुख जनतन्त्र

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय *************************************************************** २६ जनवरी को फिर से मनाया जाएगा गणतन्त्र दिवस,ठीक वैसे ही जैसे ५ महीने पहले मनाया गया था स्वाधीनता दिवस। ये दोनों हमारे जन्म से…

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ज़द बनाम हद

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ************************************************** कोरोना ने,अनधिकार अधिकारकर लिया हमारी साँसों पर,मिलना-जुलना,हाथ मिलानागले लगना और लगाना,प्यार से अथवा तिरस्कार सेरोक दिया,रोक दिया घर से बाहर निकलनाबाजार में लार टपकाना,फिसलना,निरर्थक घूमनाअखाद्य…

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गुरु महिमा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय *************************************************************** गुरु महिमा सबसे बड़ी,गुरु से बड़ा न कोयगुरु बिनु ज्ञान मिले नहीं,सो गुरु पूजन होय। जिनको सच्चा गुरु मिले,मिले ज्ञान की खान,गुरु अरु माता एक…

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दर्पण और मैं

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ***************************************************** आज सुबह दर्पण हँसकर मुझसे बोला-"हिम्मत है तो नज़र मिलाकर देखो ना,मैं दिखलाता हूँ वैसा,जैसे तुम हो,क्या तुमने भी कभी हृदय अपना खोला ?" दर्पण…

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कब तक सच्चाई झुठलाएँगे

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** कब तक झूठे इतिहासों में,सच्चाई झुठलाएँगे,कब तक अमर शहीद हमारे,आतंकी कहलाएँगे। माना सत्य-अहिंसा से ही,आजादी हमने पायी,भारत के बँटवारे का दोषी किसको बतलाएँगे ? सत्य-अहिंसा…

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उठो कलम के प्रखर साधकों

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** राजनीति ने हिंदी माँ की,अस्मत पुन: उछाली है, लाज छोड़कर एक हो गया,ग्राहक के सँग माली है। उठो कलम के प्रखर साधकों,हिंदीमय भारत कर दो-…

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हिंदी का गुणगान करें

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** हिंदी ने सब कुछ सिखलाया,हिंदी का गुणगान करें, जिसने जना चंद जगनिक कवि,उसका हम सम्मान करें। खुसरो की 'कह मुकरी' जिसकी गोदी में मुस्काती हो-…

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हर दिल की आशा हो

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** सभी के दिल में हो हिन्दी यही हर दिल की आशा हो, इसी से देश की गरिमा सभी का दिल पियासा हो। चलो हम एक…

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