अजीब दुनिया है…तेरी
प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ****************************************************************** समझ नहीं पाता हूँ, बन के धर्मात्मा गीता उपदेश सुनाती है। भीतर से, अपने मतलब को पूरा करने के लिए, शकुनि की तरह चालबाजियों की, बिसात सजाती है। दूसरे ही पल, बुरा नहीं करना लम्बा भाषण दे जाती है। फिर कानों में, कानों से कितनी बातें कह जाती है। … Read more