सुलगे प्रीत उमंग

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)****************************************** श्रंगार रस.... तन भीगा बरसात में,सुलगे प्रीत उमंग।सजनी तेरी चाह में,हिय में उठे तरंग॥ शीतल पुरवाई चले,रिमझिम गिरे फुहार।याद बहुत आई प्रिये,पायल की झनकार॥ ठिठुरन-सी है देह में,छन्द…

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हिन्दुस्तान को दिल से अपनाओ

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************* ‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष…….. वीर रस से सींची यह कविताजो गाती आज़ादी की वाणी है,सिंधु घाटी सभ्यता है रचनाकार जिसकी-यह इस भारत की कहानी है। हिमालय…

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मस्ती भरे वो दिन

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)******************************************* मेरा विद्यार्थी जीवन स्पर्धा विशेष …….. तन में मस्ती,मन में मस्तीदिनभर खेल-कूद में जाता,ना भविष्य की चिंता कोई-सुखमय समय बीतता जाता। राम-रहीम नहीं था कोईभेदभाव की बात…

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तुम बनी हो प्रेयसी

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* तुम बनी हो प्रेयसी मैं,बन चुका हूँ गीत हूँ,मैं तुम्हारी कल्पना में,बस गया हूँ मीत हूँ। द्वार पर घर आँगने में,रच रही हो अल्पना,अल्पना में बस कर…

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भविष्य निर्माता उत्पीड़न व शोषण के शिकार

वन्दना शर्मा’वृन्दा’अजमेर (राजस्थान) ***************************************** निजी विद्यालयों में भारतवर्ष का ७० फीसदी से अधिक भविष्य तैयार हो रहा है और उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है निजी शिक्षक। निजी विद्यालय खोलने वाले…

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सैर गाँव की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* आओ तुम्हें सैर हम गाँव की करायेंगे।मुलाकात तुम्हें धूप-छाँव से करायेंगे। पनघट पर जाती हुई गाँव की गौरी,श्रंगार सजी बैठी गाँव की ये छोरी।आज तुम्हें हरे-भरे खेत…

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कहां से दिलाऊँ छाँव रे…

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* पर्यावरण दिवस विशेष..... धरती बंजर हो गई है कहां सेदिलाऊँ छाँव रे,कड़ी धूप से झुलस रहे हैं आजशहर और गाँव रे। हरे-भरे पेड़ों को काटा,हरियालीको छीन लिया,नीम…

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परिवार छॉंव है बरगद की

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… परिवार छॉंव है बरगद की,सुख सपनों के डेरे हैं।ये घोर निशा में दीपक है,पावन मधुर सबेरे हैं। घर-आँगन तुलसी महके,उलझे रिश्तों को सुलझाता है,लाख…

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तुम जिंदा रखना

मोनिका शर्मामुंबई(महाराष्ट्र)********************************* सपने उड़ान केबुलंद गीत गाते हैं,पर क्यों ज़मीन ढूँढ़ नहीं पाते…और आसमान चाहते हैं ? जो ध्येय का प्रतीक स्वयं बनआशा की किरणें जगाते हैं,क्यों कुछ सपने डगमगाए…

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धैर्य रखें-आगे बढ़ें

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* मिटे देश की आन पर,जाने कितने लोग।त्याग दिया उनने सभी सुख सुविधायें भोग॥ फैल रहाअब विश्व में, कोरोना का रोग।सब इससे भयभीत हैं,दुनियाभर के लोग॥ कोरोना से…

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