जी चाहता है

पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’  मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** जी चाहता है मेरा,भारत नव निर्मित हो, शहरों से गांवों तक-जन जन का हित हो। जी चाहता है...॥ हर घर में रोजी-रोटी हो,जन जन बनें…

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जीवनसाथी

पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’  मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** संध्या जो आए मन घबराए, जीवनसाथी तुम बिन हाय। लागे न तुम बिन सांझ सुहानी, झुकती घटाएं रुत मस्तानी। मन की जलन को और बढ़ाए,…

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