जी चाहता है

पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’  मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** जी चाहता है मेरा,भारत नव निर्मित हो, शहरों से गांवों तक-जन जन का हित हो। जी चाहता है…॥ हर घर में रोजी-रोटी हो,जन जन बनें सशक्त, अपराध मुक्त समाज हो,सब हों देशभक्त। जात-पांत और भेद-भाव से,हृदय रहित हो, जी चाहता है…॥ जय भारत गूंजे देश-देश में,आगे प्रवृत्त हों, विश्वगुरु होने … Read more

जीवनसाथी

पुष्पा अवस्थी ‘स्वाति’  मुंम्बई(महाराष्ट्र) *********************************************** संध्या जो आए मन घबराए, जीवनसाथी तुम बिन हाय। लागे न तुम बिन सांझ सुहानी, झुकती घटाएं रुत मस्तानी। मन की जलन को और बढ़ाए, जीवनसाथी तुम बिन हाय॥ बीत गए जाने कितने पल, आँखों से बरसे बनके जल। फिर भी प्यास बुझा ना पाए, जीवनसाथी तुम बिन हाय॥ रात … Read more