घातक जाल बिछाये हैं

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************** घर-बाहर या प्लॉट सड़क,हर जगह मौत के साये हैं, हमने ही तो आँख मूँदकर,घातक जाल बिछाये हैं। साफ-सफाई रखकर के,बीमारी दूर भगानी है, जीवन जीने हेतु जरूरी धूप हवा शुचि पानी है। वृक्षों को हम काट-काटकर,बादल दूर भगाये हैं, हमने ही तो आँख मूँदकर,घातक जाल बिछाये हैं॥ ध्यान समय का … Read more