भाषा नीति पर ढुलमुलता छोड़ मजबूती से आगे बढ़ने की बेला
डॉ.विनोद बब्बर नई दिल्ली **************************************************** भाषा जीव के मानव बनने की दिशा में प्रथम कदम कहा जा सकता है। आरंभ में संकेतों की भाषा रही होगी जो कालांतर में शब्द संवाद में परिवर्तित हुई। हर परिस्थिति परिवेश एक-दूसरे से अपरिचित और भिन्न था,इसलिए हर मानव समूह ने अपने ढंग से कुछ शब्द संकेत बनाये। एक-दूसरे … Read more