अक्स

संध्या बक्शीजयपुर(राजस्थान)******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से आज फिर मुझकोअक्स दिखा तुम्हाराफ़लक पर।कि जैसे,श्रृंगार पटल पर,तुमने,चिपका दी हो बिंदियाऔर,कंगन के स्टैण्ड पर,गैर इरादतन,भूल गईंवो सच्चे मोतियों की माला।सुरमई आँखों…

Comments Off on अक्स