अक्स
संध्या बक्शीजयपुर(राजस्थान)******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से आज फिर मुझकोअक्स दिखा तुम्हाराफ़लक पर।कि जैसे,श्रृंगार पटल पर,तुमने,चिपका दी हो बिंदियाऔर,कंगन के स्टैण्ड पर,गैर इरादतन,भूल गईंवो सच्चे मोतियों की माला।सुरमई आँखों…
0 Comments
January 20, 2021