एहसास हूँ
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** कोई न हो पास,पर उसकी उपस्थितिका हो आभास,यही है एहसास। एहसास मधुर संबधों,की बुनियाद हैइससे हम अपने प्रियतम,को करते याद हैं। एहसास के सहारे,जिंदगी कट जाती हैबिना एहसास के,जिंदगी सिमट जाती है। किसी का एहसास होता,है उसके जाने के बादकिसी की कदर होती है,उसके खोने के बाद। तुम्हारा एहसास तुमसे … Read more