एहसास हूँ

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************** कोई न हो पास,पर उसकी उपस्थितिका हो आभास,यही है एहसास। एहसास मधुर संबधों,की बुनियाद हैइससे हम अपने प्रियतम,को करते याद हैं। एहसास के सहारे,जिंदगी कट जाती हैबिना एहसास के,जिंदगी सिमट जाती है। किसी का एहसास होता,है उसके जाने के बादकिसी की कदर होती है,उसके खोने के बाद। तुम्हारा एहसास तुमसे … Read more

समय

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* वक़्त के साथ,काम करने केतरीके भी बदलजाते हैं,मेरे यारlपहिले,छप के बिकतेथे अख़बार,इन दिनोंबिक के,छप रहे हैंअख़बारll परिचय-डॉ. प्रताप मोहन का लेखन जगत में ‘भारतीय’ नाम है। १५ जून १९६२ को कटनी (म.प्र.)में अवतरित हुए डॉ. मोहन का वर्तमान में जिला सोलन स्थित चक्का रोड, बद्दी(हि.प्र.)में बसेरा है। आपका स्थाई पता … Read more

देश प्रेम

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* हम प्रेम करते हैं अपने परिवार से, अपने बच्चों से पेड़-पौधों सेl पशु-पक्षियों से, अपने प्रियतम से निर्जीव वस्तुओं से, मगर हम देश से… प्रेम क्यों नहीं करते ? देश है तो, हम हैंl क्या देश प्रेम का, ठेका हमारी सेना ने लिया है ? सबसे पहले प्रेम, … Read more