फूल और शूल
हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** फूल बन खिले रहो कांटों संग मिले रहो, खूशबू से मिल सारा जग महकाइये। काँटों का न छोड़े साथ फूलों की है अच्छी बात, अपनों के साथ मिल खुशियां मनाइये। दु:ख-सुख मिल बांटो खुशी-खुशी दिन काटो, राह भूले-भटकों को , राह भी दिखाइये। अपनों के संग प्यारे दुनियां के रंग … Read more