हमेशा नहीं रहने वाली
संदीप धीमान चमोली (उत्तराखंड)********************************** हमेशा नहीं रहने वालीये देह कमरा किराए का,आँसू भी तेरे खुद कहां-अपना ही कोई रुलाएगा। माटी की देह को मेरीख़ाक अपना ही मिलाएगा,चिंता करूं मैं किसकी यहां,जो मुझको ही आग लगाएगा! है ख़ुदा की रहमत हम परजो गहरी नींद सुलाएगा,मोजों की रवानी जन्नत के-ख्वाब हकीकत बनाएगा। दर्द दिए जो जमाने भर नेगर्त … Read more