सबके बस की बात नहीं!

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** आईए बताऊं आपको मेरी एक कहानी, जल्दी उठकर देखा तो सुबह थी सुहानी। सहसा खयाल आया,’आज लिखता हूँ एक कविता’, दरवाजे पर देखा तो आ गई झाडू लेकर सविता। हाॅल में आकर बैठा तो, कुकर महाशय ने बजाई सीटी। रसोई घर में झाँककर देखा तो, बन रहे थे चोखा और … Read more