देख रहे पंडालों में
बिनोद कुमार महतो ‘हंसौड़ा’ दरभंगा(बिहार) ********************************************************************* हृदय के दुर्गा को न देखे, देख रहे पंडालों में। चकाचौंध का महिषासुर ही, अब मस्तिष्क के खालों में। लौह पुरुष के स्टेच्यू पर, आज फब्तियाँ कसते जो। करोड़ों के पंडाल खड़ा कर, चंदे सब पर कसते वोll ध्यान धर्म की जगह दिखावा, देख आह कंगालों में। हृदय के … Read more