शांति का परचम फहराना है
आशा जाकड़ ‘ मंजरी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)*********************************************** हमें धरा पर शांति का परचम फहराना है,स्वार्थ को दूर भगा इसे स्वर्ग बनाना है। खून के रिश्ते सिसक रहे,रिश्तों में आ रही दरार।पावनता सब नष्ट हो गई,जीवन में हो रही तकरार।ईर्ष्या-द्वेष छोड़कर प्रेम की जोत जलाना है,हमें धरा पर शांति का परचम फहराना है…ll नदियों का पावन देश हमारा,मंत्रोच्चार का … Read more